नई दिल्ली: दिल्ली की अदालत ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कस्टडी में भेज दिया है। सिद्दीकी को 18 नवंबर को जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 415 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने अपनी शैक्षणिक स्थिति के बारे में धोखाधड़ी करके 415 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की।
ईडी ने गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत की। अल-फलाह ग्रुप से जुड़े परिसरों पर तलाशी के दौरान जुटाए गए सबूतों के आधार पर डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि लाल किले के पास हुए ब्लास्ट और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल में पकड़े गए कई आतंकियों का संबंध भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था।
दो एफआईआर दर्ज
ईडी ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ दर्ज की गई दो एफआईआर के आधार पर जाँच शुरू की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने छात्रों से लेकर अभिभावकों तक सभी को भ्रमित किया। यूनिवर्सिटी की तरफ से झूठे और भ्रामक दावे किए गए।
NAAC मान्यता का फर्जी दावा
दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने फर्जी तरीके से NAAC मान्यता प्राप्त करने का दावा किया था। इस गलत दावे का उद्देश्य अधिक से अधिक छात्रों को एडमिशन दिलवाना था। हालांकि, यूजीसी ने स्पष्ट किया कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी केवल राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल है और उसने कभी भी धारा 12(B) के तहत आवेदन नहीं किया।
इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि अल-फलाह ग्रुप पर आरोपित वित्तीय और शैक्षणिक अनियमितताओं की गंभीर जांच जारी है।
