लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान यूथ ब्रिगेड की बैठक आयोजित की गई, जिसमें “PDA” (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) संकल्प लिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार प्रोपेगेंडा पर काम कर रही है, जबकि योग्यता के अनुसार लोगों को काम नहीं मिल रहा है और न ही उन्हें सम्मानजनक नौकरियां दी जा रही हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा व्यवस्था में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ गया है, फीस लगातार बढ़ रही है, और प्रोफेशनल कोर्स गांव के छात्रों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा गरीबों के लिए बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि गरीबों के पास वैसी सुविधाएं नहीं हैं जैसी अमीरों के पास उपलब्ध हैं।
मुद्रा योजना को लेकर अखिलेश ने दावा किया कि सरकार ने 52 करोड़ लोगों को 33 लाख करोड़ रुपये बांटे, लेकिन असल में इससे अमीर और खास लोगों को ही फायदा पहुंचाया गया। सरकार ने खास लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी, जिससे भेदभाव साफ झलकता है। इसी कारण सपा ने अब डेटा निकालना शुरू कर दिया है।
उन्होंने अधिकारियों की कमजोरियों और भ्रष्टाचार पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्ट अधिकारी पाताल लोक में नहीं छुपते, बल्कि मुख्यमंत्री आवास में सुरक्षित रहते हैं।
यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने PDA संकल्प लिया और सवाल उठाया कि क्या कुशीनगर में शैंपू से नहाए बिना नेताओं से मिलने की इजाजत नहीं मिलती? यह भ्रष्टाचार और धांधली का प्रमाण है।
अखिलेश यादव ने कहा कि जो आग लगी है, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी फिल्म पर बेवजह पाबंदी नहीं लगनी चाहिए।
रायबरेली की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक कार्यकर्ता के साथ अन्याय हुआ, समाजवादी पार्टी उसे न्याय दिलाने का काम करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि लखीमपुर में कल भ्रष्टाचार का ‘पाइप’ फट गया और संयोग से उसी वक्त मुख्यमंत्री भी लखीमपुर में मौजूद थे।
अंत में अखिलेश यादव ने पहलगाम हादसे के पीड़ित परिवारों के लिए 10 करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग भी उठाई।
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