इंडिगो (IndiGo) में परिचालन संकट के कारण सैकड़ों उड़ानों के प्रभावित होने के बाद, कई एयरलाइंस द्वारा हवाई किरायों में जबरदस्त बढ़ोतरी किए जाने पर उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने सभी प्रभावित रूटों पर फेयर कैप (किराया सीमा) लागू कर दिया है, ताकि एयरलाइंस किसी भी तरह की मनमानी या मौकापरस्ती वाली कीमत न वसूल सकें।
दरअसल, इंडिगो की परिचालन गड़बड़ियों के चलते बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द या देरी से चल रही हैं। इससे अन्य एयरलाइंस के लिए यात्रियों की मांग में उछाल आया और कुछ एयरलाइंस ने कई रूटों पर अत्यधिक किराये वसूलने शुरू कर दिए थे। उड्डयन मंत्रालय ने इस पर तुरंत संज्ञान लिया और हस्तक्षेप किया।
मनमानी किराया वसूली पर रोक
मंत्रालय ने साफ कहा है कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों से मनमानी या अवसरवादी तरीके से किराया वसूलना स्वीकार नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने अपने नियामकीय अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सभी प्रभावित रूटों पर फेयर कैप लागू कर दिया है। इसके तहत एयरलाइंस को तय अधिकतम सीमा से ऊपर किराया लेने की अनुमति नहीं होगी।
मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को इसके लिए आधिकारिक निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि एयरलाइंस को बिना किसी अपवाद के तय किए गए फेयर कैप का कड़ाई से पालन करना होगा। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये किराया सीमा स्थिति पूरी तरह स्थिर होने तक लागू रहेगी।
यात्रियों के शोषण को रोकने का उद्देश्य
उड्डयन मंत्रालय (MoCA) का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य बाजार में मूल्य अनुशासन बनाए रखना, संकट में फंसे यात्रियों के शोषण को रोकना और उन नागरिकों को राहत देना है जिन्हें तुरंत यात्रा करनी पड़ती है—जैसे वरिष्ठ नागरिक, छात्र, और मरीज। मंत्रालय ने कहा कि इन वर्गों को भारी किराया वसूली के कारण आर्थिक बोझ में नहीं धकेला जा सकता।
उड्डयन मंत्रालय रियल टाइम डेटा के आधार पर किरायों की लगातार निगरानी कर रहा है। इसके अलावा एयरलाइंस और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ भी समन्वय किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि तय मानकों से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
