63 साल की सेवा के बाद मिग-21 रिटायर, चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर दी गई भावुक विदाई

1963 में वायुसेना में शामिल हुआ मिग-21 लगभग छह दशक तक भारत की हवाई शक्ति का अहम हिस्सा रहा। 1965 और 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल तक इस विमान ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया और कई बार दुश्मनों को करारा जवाब दिया।

63 Years of Service Conclude: MiG-21 Given Emotional Final Salute in Chandigarh
63 Years of Service Conclude: MiG-21 Given Emotional Final Salute in Chandigarh

चंडीगढ़: भारतीय वायुसेना के दिग्गज फाइटर जेट मिग-21 को गुरुवार को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर भावुक विदाई दी गई। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

वॉटर कैनन सलामी के बीच मिग-21 ने स्वदेशी तेजस के साथ उड़ान भरते हुए “गौरव अगली पीढ़ी को सौंपने” का संदेश दिया। इस मौके पर वायुसेना की ‘आकाश गंगा’ स्काईडाइविंग टीम ने 8,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर रोमांचक प्रदर्शन किया। सूर्य किरण एरोबैटिक टीम ने भी अद्भुत करतब दिखाए।

1963 में वायुसेना में शामिल हुआ मिग-21 लगभग छह दशक तक भारत की हवाई शक्ति का अहम हिस्सा रहा। 1965 और 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल तक इस विमान ने अपनी क्षमता का लोहा मनवाया और कई बार दुश्मनों को करारा जवाब दिया। इसकी गर्जना ने हमेशा देश का आत्मविश्वास बढ़ाया। अब यह गौरवशाली विमान इतिहास का हिस्सा बनकर नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा छोड़ रहा है।

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