रोहतक के महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में महिला सफाई कर्मचारियों से उतरवाए कपड़े और मांगे पीरियड्स के सबूत, दो सुपरवाइजर सस्पेंड

महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “महिला से पीरियड का सबूत मांगना इससे अधिक बेहूदा और अपमानजनक कुछ हो ही नहीं सकता।” आयोग ने इस मामले में स्वयं संज्ञान (Suo Motu) लेते हुए रोहतक के पुलिस अधीक्षक (SP) से अब तक की जांच रिपोर्ट मांगी है।

Maharshi Dayanand University Shame: Supervisors Ask Female Staff to Strip, Demand Proof of Menstruation; Two Suspended
Maharshi Dayanand University Shame: Supervisors Ask Female Staff to Strip, Demand Proof of Menstruation; Two Suspended

MDU Rohtak: हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) से एक शर्मनाक और अमानवीय मामला सामने आया है। यहां महिला सफाई कर्मचारियों से कपड़े उतरवाकर उनकी तस्वीरें और वीडियो मांगे जाने का आरोप लगा है। घटना 26 अक्टूबर की बताई जा रही है, जब विश्वविद्यालय में राज्यपाल का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस घटना के बाद पूरे परिसर में गुस्सा और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। अब मामले में दो सुपरवाइजरों को निलंबित (Suspended) कर दिया गया है, जबकि महिला आयोग ने रिपोर्ट तलब की है।

जानकारी के अनुसार, दो महिला सफाईकर्मी काम पर देर से पहुंचीं तो सुपरवाइजरों ने उनसे पीरियड्स का सबूत मांग लिया। जब महिलाओं ने बताया कि वे माहवारी की स्थिति में हैं, तो सुपरवाइजरों ने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। आरोप है कि सुपरवाइजरों ने एक महिला कर्मचारी से बाकी महिलाओं के कपड़े उतरवाकर उनके सेनेटरी पैड की फोटो और वीडियो बनवाई, ताकि वे “सच” साबित कर सकें। यह घटना सुनकर महिला कर्मचारी हैरान और अपमानित हो गईं और उन्होंने तुरंत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

घटना की सूचना मिलते ही छात्र संगठन भी मौके पर पहुंचे और न्याय की मांग करने लगे। इस दौरान पूरे एमडीयू परिसर में भारी तनाव की स्थिति बन गई। महिला कर्मचारियों ने इस घटना की शिकायत हरियाणा महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग को भी लिखित रूप में भेज दी है।

महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “महिला से पीरियड का सबूत मांगना इससे अधिक बेहूदा और अपमानजनक कुछ हो ही नहीं सकता।” आयोग ने इस मामले में स्वयं संज्ञान (Suo Motu) लेते हुए रोहतक के पुलिस अधीक्षक (SP) से अब तक की जांच रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, जिन महिला कर्मचारियों के साथ यह घटना हुई है, उनसे सीधे संपर्क करने को कहा गया है।

दोनों सुपरवाइजर निलंबित, जांच शुरू

घटना के सार्वजनिक होते ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की और दोनों सुपरवाइजरों – विनोद और जितेंद्र – को 27 अक्टूबर को निलंबित कर दिया। आदेश के अनुसार, दोनों को निलंबन अवधि में रोहतक मुख्यालय में ही रहना होगा। मामला अब इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (ICC) को आगे की जांच और कार्रवाई के लिए सौंप दिया गया है।

यह घटना न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा और अधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता भी पैदा करती है। अब सभी की निगाहें महिला आयोग और पुलिस की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके और भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2025 Breaking News Wale - Latest Hindi News by Breaking News Wale