ED की बड़ी कार्रवाई: कफ सिरप सिंडिकेट की जांच में 25 ठिकानों पर छापेमारी, निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल आलोक सिंह के घर भी दबिश

प्रवर्तन निदेशालय ने कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार और तस्करी से जुड़े एक सिंडिकेट की जांच के तहत बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात सहित कई राज्यों में लगभग 25 स्थानों पर एक साथ दबिश दी, जिससे इस पूरे नेटवर्क की गहराई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

ED Raids 25 Places in Connection with Cough Syrup Syndicate; Suspended Cop Alok Singh Under Scrutiny
ED Raids 25 Places in Connection with Cough Syrup Syndicate; Suspended Cop Alok Singh Under Scrutiny

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार और तस्करी से जुड़े एक सिंडिकेट की जांच के तहत बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर प्रदेश, झारखंड और गुजरात सहित कई राज्यों में लगभग 25 स्थानों पर एक साथ दबिश दी, जिससे इस पूरे नेटवर्क की गहराई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

निलंबित कॉन्स्टेबल के घर ED की छापेमारी

लखनऊ में निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल आलोक सिंह के घर पर शुक्रवार तड़के छापेमारी ने पूरे विभाग में हलचल मचा दी। आलोक सिंह को पहले की पूछताछ के लिए 8 दिसंबर को उपस्थित होने का नोटिस भेजा गया था, लेकिन हाजिर न होने पर ईडी ने यह सख्त कदम उठाया है। राजस्व विभाग की टीम भी इस तलाशी में ईडी के साथ मौजूद थी।

25 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन

यह मामला यहीं तक सीमित नहीं है। केंद्रीय एजेंसी ने लखनऊ से लेकर वाराणसी, जौनपुर, सहारनपुर, रांची और अहमदाबाद तक 25 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इन स्थानों में मुख्य रूप से फैक्ट्रियां, गोदाम, आवास और शेयरधारकों के कार्यालय शामिल हैं, जिनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध व्यापार के आरोप हैं।

पूरा मामला और नेटवर्क का तरीका

कोडीन युक्त कफ सिरप (CBCS) का उपयोग केवल चिकित्सीय उद्देश्य के लिए होता है, लेकिन इस सिंडिकेट द्वारा इसे नशीले पदार्थ की तरह उपयोग में लाया जा रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, यह सिंडिकेट नकली कंपनियों, फर्जी बिलिंग, नकली GST रिकॉर्ड तथा फर्जी शेल फर्मों के ज़रिये कफ सिरप की खरीद और सप्लाई को चलाता था। यह सारा नेटवर्क चिकित्सा रूप से नियंत्रित दवाओं को अवैध रूप से वितरित करता था और इससे भारी मुनाफा कमाया जा रहा था। इस जुड़े नेटवर्क ने इसे कानूनी लाइसेंसों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों और विदेशों तक भी पहुँचाया।

ED की कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ

इस मामले में ईडी ने 67 आरोपियों के खिलाफ Enforcement Case Information Report (ECIR) दर्ज की है। यह एक बड़ा कदम माना जाता है क्योंकि इससे एजेंसी को बैंक खातों को फ्रीज़ करने, संपत्तियों को जब्त करने और डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखने का अधिकार मिलता है।

इस मामले में पहले से ही कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। विशेष रूप से निलंबित कॉन्स्टेबल आलोक सिंह और अमित कुमार सिंह (अमित टाटा) को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था और उनके न्यायिक हिरासत को बढ़ाया गया है। कोर्ट ने उन्हें अब तक 22 दिसंबर तक जेल में रखने का आदेश दिया है।

इस मामले में यूपी सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियों के बीच सामंजस्यपूर्ण कार्रवाई जारी है। राज्य सरकार ने कई जिलों के सैंकड़ों फर्मों पर तलाशी ली है और कई जगहों पर एफआईआर दर्ज की हैं। यह कार्रवाई नकली दवाओं, अवैध कफ सिरप निर्माण और वितरण नेटवर्क को तोड़ने के मकसद से की जा रही है।

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