दिल्ली कार ब्लास्ट केस: NIA की जाँच में बड़ा खुलासा, शाहीन शाहिद के हॉस्टल रूम से 18 लाख रुपये नकद बरामद

Delhi Car Blast Case: Major Revelation in NIA Probe; ₹18 Lakh Cash Recovered from Shaheen Shahid's Hostel Room
Delhi Car Blast Case: Major Revelation in NIA Probe; ₹18 Lakh Cash Recovered from Shaheen Shahid's Hostel Room

Delhi Blast Case: दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले की जाँच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जाँच के सिलसिले में, NIA की टीम कार ब्लास्ट की मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन शाहिद को लेकर मौका मुआयना करने के लिए फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुँची थी।

टीम ने यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के जिस रूम नंबर-32 में शाहीन रहती थी, उसकी गहन छानबीन की। इस दौरान अलमारी से 18 लाख रुपये नकद बरामद हुए। इतनी बड़ी मात्रा में कैश देखकर NIA की टीम भी हैरान रह गई। जाँच एजेंसियों को आशंका है कि इन पैसों का इस्तेमाल टेरर मॉड्यूल की गतिविधियों को फंड करने और आगे बढ़ाने के लिए किया जाना था। हालाँकि, धमाके के बाद शाहीन की गिरफ्तारी हो जाने के कारण इस नकदी का उपयोग हो पाता, उससे पहले ही टेरर मॉड्यूल का सारा काम गड़बड़ा गया।

फ्लैट से भी मिले सोने के बिस्किट और विदेशी करेंसी

इसके अतिरिक्त, जाँच के दौरान NIA ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े एक अन्य फ्लैट से भी भारी मात्रा में नकद, सोने के बिस्किट और गहनों के अलावा अरब देशों की करेंसी भी बरामद की है।

कैंपस में शाहीन की गतिविधियों का रूट मैप

नकदी बरामद होने के बाद NIA ने शाहीन की कैंपस के भीतर की गतिविधियों का ‘रूट मैप’ तैयार करना शुरू कर दिया है। टीम उसे मेडिकल वार्ड, क्लासरूम और डॉक्टर के केबिन तक ले गई, ताकि उसकी दिनचर्या, संपर्कों और संभावित सहयोगियों की पहचान की जा सके। एजेंसी उन सभी छात्रों, स्टाफ और अन्य व्यक्तियों की सूची बना रही है, जिनसे शाहीन ने मॉड्यूल फैलाने के दौरान संपर्क किया होगा। सूत्रों का कहना है कि पढ़ाई के दौरान भी शाहीन मॉड्यूल में सक्रिय थी और यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर दोनों जगह अपने नेटवर्क को बढ़ाने में लगी थी।

डॉक्टर मुजम्मिल ने खरीदे थे 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट

यह कार्रवाई एक दिन बाद हुई, जब आतंक मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई को फरीदाबाद लाकर पूछताछ की गई। उसने उन दो दुकानों की पहचान की जहाँ से उसने अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था। जाँच में पता चला है कि मुजम्मिल ने यूनिवर्सिटी से कुछ किलोमीटर दूर दो अलग-अलग कमरों में करीब 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट जमा कर रखा था। इसके अलावा, उसने इस विस्फोटक सामग्री का एक बड़ा हिस्सा पास के गाँव के खेतों में छुपाया था, जिसे बाद में वह फतेहपुर टैगा में किराये पर लिए एक मौलवी के घर में ले गया। NIA को आशंका है कि अभी भी और विस्फोटक सामग्री छिपाई गई हो सकती है, जिसके लिए तलाशी अभियान जारी है।

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