सुरक्षाबलों को नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में आज एक बड़ी सफलता मिली है। कुख्यात नक्सली कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर रामधेर मज्जी ने अपने 11 साथियों के साथ छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। रामधेर मज्जी को नक्सलियों में हिडमा के समकक्ष माना जाता था और उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया था।
इस आत्मसमर्पण के साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के MMC ज़ोन को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। आत्मसमर्पण करने वाले कुल 12 माओवादी कैडरों में रामधेर मज्जी के अलावा तीन डिविजनल वाइस कमांडर और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने इनके कब्जे से AK-47, 30 कार्बाइन, इंसास, .303 और SLR जैसे घातक हथियार बरामद किए।
रामधेर मज्जी के साथ आत्मसमर्पण करने वालों में चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी, प्रेम, रामसिंह दादा, सुकेश पोट्टम, लक्ष्मी, शीला, सागर, कविता और योगिता शामिल हैं। इनके पास से विभिन्न प्रकार के हथियार बरामद हुए, जिनमें AK-47, इंसास, .303 और SLR प्रमुख हैं।
इससे पहले, कुछ दिनों पहले ही सुरक्षाबलों ने हिडमा को मार गिराया था। हिडमा बस्तर क्षेत्र का कुख्यात नक्सली कमांडर था और वह 2010 के ताड़मेटला हमले, 2013 के झीरम घाटी नरसंहार सहित 26 से अधिक बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। उसकी मौत पिछले महीने 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली जंगल में मुठभेड़ के दौरान हुई थी, जिसमें उसकी पत्नी सहित कुल छह नक्सली मारे गए थे।
रामधेर मज्जी का आत्मसमर्पण नक्सल विरोधी अभियानों में एक निर्णायक जीत मानी जा रही है और इससे इस क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को मजबूती मिली है।
