Google Layoffs 2025: गूगल में फिर 100 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी, AI पर फोकस के चलते डिज़ाइन और रिसर्च टीम प्रभावित

गूगल का कहना है कि यह छंटनी उनकी संस्थागत रणनीति का हिस्सा है। कंपनी अब एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश कर रही है और संसाधनों को उन प्रोजेक्ट्स पर लगा रही है जो भविष्य में बिज़नेस के लिए अहम हैं।

Google Layoffs 2025: Over 100 Employees Fired Again as AI Focus Impacts Design and Research Teams
Google Layoffs 2025: Over 100 Employees Fired Again as AI Focus Impacts Design and Research Teams

Google Layoffs 2025: गूगल (Google) में छंटनी का दौर लगातार जारी है। एआई (AI) टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल के बीच कंपनी अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कर रही है। पिछले महीने जहां गूगल ने लगभग 200 कर्मचारियों की छुट्टी की थी, वहीं अब फिर से 100 से ज्यादा स्टाफ को निकाल दिया गया है।

इस बार छंटनी का असर मुख्य रूप से डिजाइनिंग और रिसर्च विभाग पर पड़ा है। प्रभावित कर्मचारियों में ज्यादातर गूगल क्लाउड डिविजन के क्वांटिटेटिव यूज़र एक्सपीरियंस रिसर्च, प्लेटफॉर्म और सर्विस एक्सपीरियंस टीम के सदस्य शामिल हैं। इनकी जिम्मेदारी डेटा और सर्वे के माध्यम से यूजर बिहेवियर समझने और प्रोडक्ट डिजाइन को बेहतर बनाने की थी। कुछ टीमों में स्टाफ की संख्या आधी कर दी गई, जबकि कई कर्मचारियों से कहा गया कि वे दिसंबर तक कंपनी में किसी नई भूमिका के लिए तैयार रहें।

गूगल का कहना है कि यह छंटनी उनकी संस्थागत रणनीति का हिस्सा है। कंपनी अब एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश कर रही है और संसाधनों को उन प्रोजेक्ट्स पर लगा रही है जो भविष्य में बिज़नेस के लिए अहम हैं।

यह इस साल की तीसरी बड़ी छंटनी है। साल की शुरुआत में भी क्लाउड यूनिट में कर्मचारियों की छंटनी हुई थी, और पिछले महीने 200 से ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को बाहर किया गया था, जो Gemini और AI Overviews जैसे एआई टूल्स पर काम कर रहे थे।

कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें लगातार कम सैलरी, नौकरी की असुरक्षा और मैनेजमेंट के दबाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने वर्किंग कंडीशंस पर विरोध जताया था।

गूगल ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में कंपनी उन क्षेत्रों पर अधिक फोकस करेगी, जहां एआई का सबसे ज्यादा असर होगा। इसका मतलब है कि आने वाले समय में और भी स्ट्रक्चरल बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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