China’s Housing Problem: चीन का रियल एस्टेट संकट लगातार गहराता जा रहा है और पिछले चार साल से चीन की सरकार इसे सुलझा नहीं पाई है, जिसके कारण पूरी अर्थव्यवस्था के डूबने का खतरा बना हुआ है।
अक्टूबर महीने में नए मकानों की कीमत में 0.45% की गिरावट आई है, जो इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है। साथ ही, रीसेल होम प्राइस में भी 0.66% की गिरावट आई, जो पिछले 13 महीनों में सबसे ज्यादा है। एक सर्वे के मुताबिक, देश के 70 प्रमुख शहरों में नए और रीसेल दोनों तरह के मकानों की कीमतों में गिरावट आई है, जो पूरे रियल एस्टेट सेक्टर की गहरी कमजोरी को उजागर करता है।
गिरावट के कारण और अर्थव्यवस्था पर असर
जानकारों का कहना है कि चीन में नए मकानों की डिमांड लगातार घट रही है, जिससे कीमतों में गिरावट आ रही है। चाइना इंडेक्स एकेडमी द्वारा 260 शहरों में कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, छोटे शहरों में होम परचेजिंग कॉन्फिडेंस में पिछले महीने की तुलना में 2.9 फीसदी की गिरावट आई है।
चीन की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट सेक्टर का करीब एक तिहाई योगदान है। इस सेक्टर के डूबने से बैंकिंग सेक्टर को भी भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि बैंकों ने रियल एस्टेट सेक्टर को काफी लोन दिया है, जिसके डूबने का खतरा बना हुआ है।
संकट की शुरुआत
चीन का रियल एस्टेट सेक्टर साल 2021 से ही जूझ रहा है, जब एवरग्रांडे (Evergrande) कंपनी ने कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया था। इसके बाद कई अन्य कंपनियाँ इसकी चपेट में आ गईं। इस संकट के कारण होमबायर्स, इन्वेस्टर्स और कंपनियों का भरोसा बुरी तरह डगमगाया हुआ है। सरकार ने इस सेक्टर को संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अब तक ये बेअसर रहे हैं। देश में प्रॉपर्टी सेल्स और प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट में काफी कमी आई है।
