8th Pay Commission: क्या कर्मचारियों की सैलरी सच में दोगुनी होगी? जानें कैसे होगा कैलकुलेशन और कितना बढ़ेगा वेतन

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। सरकार ने आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दे दी है और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस रंजनना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

8th Pay Commission
8th Pay Commission

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। सरकार ने आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (TOR) को मंजूरी दे दी है और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस रंजनना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

यह आयोग अब अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे अगले 18 महीनों में सरकार को सौंपा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही आयोग की सिफारिशें लागू होंगी और इसी दौरान सबसे महत्वपूर्ण ‘फिटमेंट फैक्टर’ तय किया जाएगा, जो कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन-पेंशन में बदलाव का आधार बनता है।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और यह कैसे तय होता है?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (multiplier) होता है, जिससे किसी कर्मचारी की पिछली बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है।

  • पिछला फैक्टर: 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था।

उदाहरण से समझें:

ऑल इंडिया एनपीएस एम्प्लॉयीज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी का मौजूदा बेसिक वेतन ₹35,000 है और नया फिटमेंट फैक्टर 2.11 तय होता है, तो उसकी नई बेसिक सैलरी होगी:

₹35,000 × 2.11 = ₹73,850

नेक्सडिग्म के डायरेक्टर रमाचंद्रन कृष्णमूर्ति बताते हैं कि बेसिक वेतन बढ़ने से मकान किराया भत्ता (HRA) जैसे भत्ते अपने आप बढ़ जाते हैं, क्योंकि वे बेसिक वेतन का प्रतिशत होते हैं।

क्या वेतन दोगुना हो जाएगा?

कर्मचारी संगठन यह उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी सैलरी लगभग दोगुनी हो जाएगी, लेकिन एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसा नहीं होगा।

पटेल कहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर बेसिक सैलरी और एचआरए पर पड़ता है। हालाँकि, जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो महंगाई भत्ता (DA) शून्य (0%) से शुरू होता है। इसलिए कुल मिलाकर कर्मचारियों का वेतन 20-25% तक बढ़ सकता है, दोगुना नहीं।

फिटमेंट फैक्टर और डीए का संबंध

पटेल के अनुसार, महंगाई भत्ता (DA) का फिटमेंट फैक्टर से सीधा संबंध नहीं होता, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण संकेत ज़रूर होता है।

फिटमेंट फैक्टर कई तत्वों का मिश्रण होता है:

  • डीए दर
  • महंगाई दर (Inflation Rate)
  • परिवार इकाइयाँ (Family Units)
  • ग्रोथ फैक्टर (पिछली बार 24% था)

उदाहरण के लिए, अगर सिफारिशें लागू होते समय मौजूदा डीए 70% हो जाता है, तो इसके ऊपर ग्रोथ फैक्टर और फैमिली यूनिट्स को जोड़कर फिटमेंट फैक्टर में लगभग 13% अतिरिक्त वृद्धि की संभावना बनती है।

क्या सभी कर्मचारियों के लिए फैक्टर समान रहेगा?

  • समानता की नीति: कृष्णमूर्ति बताते हैं कि 7वें वेतन आयोग में सभी कर्मचारियों के लिए समान फिटमेंट फैक्टर (2.57) लागू किया गया था। सरलता के लिए 8वें वेतन आयोग में भी यह नीति रखी जा सकती है।
  • असमानता कम करने की मांग: वहीं, पटेल के अनुसार, निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर थोड़ा अधिक रखा जा सकता है ताकि वेतन असमानता को कम किया जा सके। साथ ही, आयोग वेतन मैट्रिक्स को सरल बनाने के लिए कुछ पे लेवल्स को मर्ज करने का सुझाव भी दे सकता है।

अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 हुआ तो क्या होगा?

अगर किसी कर्मचारी का बेसिक पे ₹50,000 है और 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.0 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी होगी:

₹50,000 × 2.0 = ₹1,00,000

इसके बाद डीए, एचआरए और अन्य भत्ते इस नए बेसिक वेतन के आधार पर दोबारा तय किए जाएंगे।

पेंशनर्स पर क्या असर पड़ेगा?

कृष्णमूर्ति बताते हैं कि केंद्रीय पेंशनर्स को भी समान अनुपात में लाभ मिलेगा। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.0 होता है, तो ₹30,000 पेंशन पाने वाले व्यक्ति की नई पेंशन कैबिनेट की अंतिम मंजूरी के बाद लगभग ₹60,000 तक बढ़ जाएगी।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2025 Breaking News Wale - Latest Hindi News by Breaking News Wale