Delhi Air Pollution: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के 441 दर्ज किए जाने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने शनिवार शाम ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-4 लागू कर दिया। यह फैसला प्रदूषण के लगातार बिगड़ते हालात और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है।
CAQM द्वारा जारी प्रेस अपडेट के मुताबिक, शनिवार शाम 4 बजे दिल्ली का AQI 431 था, जो महज दो घंटे में बढ़कर 441 तक पहुंच गया। आयोग ने बताया कि हवा की रफ्तार बेहद कम है, वातावरण में स्थिरता बनी हुई है और प्रदूषकों का फैलाव नहीं हो पा रहा है। इन्हीं कारणों से प्रदूषण तेजी से बढ़ा और हालात को नियंत्रित करने के लिए पूरे NCR में GRAP-4 के सभी प्रावधान तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए।
GRAP-4 के तहत क्या-क्या रहेगा प्रतिबंधित
GRAP-4 लागू होते ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। राजधानी और पूरे NCR में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही स्टोन क्रशर (पत्थर तोड़ने की इकाइयों) को बंद करने के आदेश दिए गए हैं और खनन व उससे जुड़ी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है।
वाहनों को लेकर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चारपहिया वाहनों के चलने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, छोटे बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कक्षा 5वीं तक के स्कूल हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में संचालित किए जाएंगे।
एजेंसियों को अलर्ट, सख्ती बढ़ाने के निर्देश
CAQM ने दिल्ली-NCR के सभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि वे प्रदूषण रोकने के लिए निवारक कदमों को और तेज करें, ताकि स्थिति और खराब न हो। आयोग ने साफ किया है कि GRAP-4 के साथ-साथ GRAP के स्टेज-1, 2 और 3 के सभी प्रतिबंध भी पहले की तरह लागू रहेंगे।
गौरतलब है कि GRAP-4 को आमतौर पर ‘Severe+ Air Quality’ की स्थिति में लागू किया जाता है, जो आधिकारिक तौर पर AQI 450 से ऊपर होने पर प्रभावी होता है। हालांकि, मौजूदा रुझान और तेजी से बिगड़ते हालात को देखते हुए CAQM ने एहतियातन यह कदम उठाया है।
दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण ने एक बार फिर लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक मौसम में बदलाव नहीं आता या प्रदूषण के स्रोतों पर सख्ती से नियंत्रण नहीं होता, तब तक हालात सुधरने की उम्मीद कम ही है।
