PFRDA का बड़ा फैसला: NPS, APY निवेश नियमों में बदलाव, अब गोल्ड-सिल्वर ETF और वैकल्पिक निवेश कोषों में लगा सकेंगे पैसा

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) और अटल पेंशन योजना के निवेश नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ के अलावा निफ्टी 250 सूचकांक और वैकल्पिक निवेश कोषों में निवेश की अनुमति दी है।

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS), यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के निवेश नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए उन्हें गोल्ड-सिल्वर ईटीएफ (ETF) के अलावा निफ्टी 250 सूचकांक और वैकल्पिक निवेश कोषों (Alternative Investment Funds – AIFs) में निवेश की अनुमति दी है। यह कदम पेंशन फंड्स को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के अधिक वैध विकल्प देने के उद्देश्य से उठाया गया है। साथ ही, यह भी तय किया गया है कि किसी एक जोखिमभरे एसेट का हिस्सा पोर्टफोलियो में बहुत अधिक न हो। यह बदलाव सरकारी क्षेत्र और गैर-सरकारी क्षेत्र दोनों योजनाओं पर लागू होगा, जिससे सरकारी कर्मचारी, रिटेल और बड़े निवेशक इसका लाभ उठा सकेंगे।

नए मास्टर सर्कुलर में इक्विटी, ऋण, और अल्पावधि निवेश माध्यमों के लिए नई निवेश सीमाएँ तय की गई हैं। इससे पोर्टफोलियो में ऐसी संपत्तियां जुड़ेंगी, जो अस्थिर बाजार स्थितियों में स्थिरता देने के लिए जानी जाती हैं।

सोना और चांदी लंबे समय से सुरक्षित निवेश विकल्प माने जाते हैं और इनके शामिल होने से पेंशन कोषों की जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रोफाइल बेहतर हो सकती है। पिछले एक साल में सोने और चांदी की कीमतों में क्रमशः 68% और 114% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। ईटीएफ निवेशकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि यह सोने और चांदी के उतार-चढ़ाव को आसानी से ट्रैक करते हैं।

जोखिम प्रबंधन के लिए सख्त सीमाएं निर्धारित की गई हैं। किसी भी एक इंडस्ट्री में कुल संपत्ति का 15% से अधिक निवेश नहीं रखा जा सकेगा। प्रायोजक समूह कंपनियों में इक्विटी में 5% और गैर-प्रायोजक कंपनियों में 10% की सीमा तय की गई है।

ऋण में निवेश के लिए भी इसी तरह नेट वर्थ आधारित सीमाएं तय की गई हैं। इक्विटी में निवेश की सीमा भले 25% ही रखी गई है, पर निफ्टी 250 सूचकांक में निवेश की अनुमति मिलने से पेंशन फंड्स को बड़ी और मध्यम श्रेणी की कंपनियों में निवेश का अवसर मिलेगा, जिससे निवेश का दायरा व्यापक हो जाएगा। हालांकि, जोखिम का संतुलन बनाए रखने के लिए शीर्ष-200 शेयरों में 90% निवेश की बाध्यता बरकरार है।

सरकारी प्रतिभूतियां अब भी एनपीएस का आधार बनी रहेंगी। पेंशन फंड पूरी स्थिरता के साथ अपने पोर्टफोलियो का 65% तक सरकारी बॉन्ड्स में रख सकेंगे। इसमें केंद्र और राज्य सरकार की सिक्योरिटीज के साथ पीएसयू के ईबीआर रूट वाले बॉन्ड्स भी शामिल हैं। यह लंबी अवधि की सुरक्षा और अनुमानित रिटर्न सुनिश्चित करती है।

नए निवेश विकल्प जोड़ने के बाद एनपीएस, यूपीएस और अटल पेंशन योजना का निवेश ढांचा पहले से कहीं ज्यादा विविधता वाला हो गया है। लंबे समय में जोखिम कम करने और रिटर्न क्षमता बढ़ाने के लिहाज से ये बदलाव निवेशकों के लिए फायदेमंद माने जा रहे हैं।

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