Khyber Pakhtunkhwa Chief Minister Sohail Afridi: पाकिस्तान में इन दिनों सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का दबदबा साफ दिखाई दे रहा है। हालात ऐसे हैं कि अदालत हो या सरकार, सभी फैसलों में सेना की प्रभावी भूमिका महसूस की जा रही है। इसका ताज़ा उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सामने आया, जब खैबर पख्तूनख्वा के निर्वाचित मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी इमरान खान से मिलने का अदालत का आदेश लेकर अडियाला जेल पहुँचे, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा कि उन्हें इमरान खान से मिलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
जेल से बाहर लौटने के बाद मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को भी अदालत के आदेशों के बावजूद अपनी ही पार्टी के संस्थापक से मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस तरह इमरान खान की बहनों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें की गईं, क्या यह संकेत है कि खैबर पख्तूनख्वा को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं माना जा रहा?
इमरान खान से न मिलने देना अफरीदी को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने मीडिया के सामने ही केंद्र सरकार और पंजाब सरकार दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चेतावनी दी कि जैसे ही पीटीआई फिर से सत्ता में आएगी, मौजूदा संघीय और पंजाब सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा। उनका कहना था कि पिछले तीन साल से इमरान खान को राजनीति से बाहर करने की कोशिशें लगातार की जा रही हैं, लेकिन हर कोशिश नाकाम साबित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि असल सत्ता रखने वालों को महमूद खान अचकजई और अल्लामा राजा नासिर अब्बास से बात करनी चाहिए, जिन्हें इमरान खान ने वार्ता के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है।
इसी बीच बुधवार सुबह अडियाला जेल के बाहर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने पानी की तेज धारों का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई में इमरान खान की बहनें भी प्रभावित हुईं, जो अपने भाई से मुलाकात की अनुमति न मिलने के विरोध में शांतिपूर्ण धरने पर बैठी थीं।
