New Controversy for IAS Santosh Verma: ब्राह्मणों को “बेटी देने” वाले बयान से सुर्खियों में आए IAS संतोष वर्मा ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। इस बार उन्होंने सीधे-सीधे हाईकोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिए। भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में संतोष वर्मा ने दावा किया कि SC-ST समुदाय के बच्चे IAS–IPS तक बन जाते हैं, लेकिन सिविल जज नहीं बन पाते, और इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट को जिम्मेदार बताया।
संतोष वर्मा ने कहा कि सिविल जज की परीक्षा में SC-ST वर्ग के बच्चों के साथ भेदभाव हो रहा है। उनका कहना था कि अभी हुई परीक्षा में SC-ST श्रेणी के बहुत कम बच्चे चुने गए, जबकि “योग्य उम्मीदवार नहीं मिले” कहकर रिजल्ट को सही ठहराया गया। वर्मा का आरोप है कि कटऑफ मार्क्स जानबूझकर इतने ऊंचे रखे गए कि SC-ST उम्मीदवार पास ही न कर सकें।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट की ओर से 50% कटऑफ तय किया गया है, और इसके बाद भी इंटरव्यू में जानबूझकर नंबर कम दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि “जब आप 49.95% देकर 50% नहीं पहुंचने देते, इंटरव्यू में 20 की जगह 19 नंबर देते हैं, तो हमारे बच्चे सिविल जज कैसे बनेंगे? ये कौन सा आरक्षण है? कौन सा नियम है? यह सब हाईकोर्ट कर रहा है, जिससे हमें न्याय की उम्मीद होती है।”
संतोष वर्मा यहीं नहीं रुके। उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि संविधान के मुताबिक चलने वाली सबसे बड़ी न्यायिक संस्था से ही SC-ST वर्ग के साथ ऐसा हो रहा है, जो बेहद चिंताजनक है।
इससे पहले, संतोष वर्मा एक और बयान को लेकर विवाद में आ चुके हैं, जिसमें उन्होंने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद की तारीफ करते हुए कहा था—“तुम कितने संतोष वर्मा मारोगे, हर घर से संतोष वर्मा निकलेगा।” इस बयान के बाद सपाक्स की महिला विंग ने उन पर तीखा हमला करते हुए चेतावनी दी कि “अगर ऐसा है तो हर घर से चंडी निकलेगी, जिसे तुम रोक नहीं पाओगे।”
IAS संतोष वर्मा के इन लगातार बयानों से प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा हो गई है। विपक्ष और कई संगठनों ने उनके आरोपों की जांच की मांग की है, जबकि सोशल मीडिया पर भी उनके बयान को लेकर बहस जारी है।
