IndiGo Flight Chaos: 5,000 से ज्यादा रद्द उड़ानों के बाद इंडिगो पर CCI की नज़र, हो सकती है एंटीट्रस्ट जांच

IndiGo Flight Chaos: इंडिगो देश के घरेलू एयरलाइन मार्केट का लगभग 65% हिस्सा कंट्रोल करती है। एयरलाइन को पायलटों के लिए लागू नए आराम नियमों (FDTL) को सही तरीके से लागू न कर पाने के कारण भारी क्रू शॉर्टेज का सामना करना पड़ा।

IndiGo Faces Possible CCI Antitrust Probe Following Chaos and Over 5,000 Flight Cancellations
IndiGo Faces Possible CCI Antitrust Probe Following Chaos and Over 5,000 Flight Cancellations

IndiGo Flight Chaos: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) पर अब संकट का एक नया दौर मंडराने लगा है। दिसंबर महीने में 5,000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द होने और हजारों यात्रियों के एयरपोर्ट पर फंसे रहने के बाद, अब कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) एयरलाइन पर एंटीट्रस्ट जांच करने पर विचार कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यह जांच यह पता लगाने के लिए हो सकती है कि क्या इंडिगो ने घरेलू एयरलाइन बाजार में अपने वर्चस्व का गलत इस्तेमाल किया और इस संकट के दौरान यात्रियों के लिए सेवाओं में बाधा डाली या उन पर अनुचित शर्तें लगाईं। सूत्रों ने बताया कि CCI इस पूरे मामले पर करीब से नजर रख रहा है और जल्द ही यह तय करेगा कि अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले इस मामले की औपचारिक जांच शुरू की जाए या नहीं। वर्तमान में, भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) इस परिचालन संकट की व्यापक जांच का नेतृत्व कर रहा है।

बाजार में इंडिगो का वर्चस्व और क्रू शॉर्टेज

इंडिगो देश के घरेलू एयरलाइन मार्केट का लगभग 65% हिस्सा कंट्रोल करती है। एयरलाइन को पायलटों के लिए लागू नए आराम नियमों (FDTL) को सही तरीके से लागू न कर पाने के कारण भारी क्रू शॉर्टेज का सामना करना पड़ा। यही मुख्य वजह थी कि दिसंबर के शुरुआती हफ्तों में 5,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गईं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एयरलाइन को कुल 2422 कैप्टन्स की जरूरत थी, लेकिन उसके पास केवल 2357 ही थे।

DGCA का नोटिस और CCI का कानूनी आधार

डीजीसीए ने इस संकट को लेकर इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ इसिड्रे पोरकेरस को नोटिस भेजा था और 24 घंटे में जवाब देने को कहा था। हालांकि, एयरलाइन ने कहा कि उनका नेटवर्क बहुत बड़ा और पेचीदा है, इसलिए तुरंत जवाब देना मुश्किल है, जिसके बाद उन्होंने डीजीसीए से नियमों के तहत 15 दिन का समय मांगा।

CCI की संभावित जांच का आधार कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 होगी। इस धारा के तहत, कोई भी बड़ी या प्रमुख कंपनी यह नहीं कर सकती कि वह अपने फायदे के लिए अनुचित या भेदभावपूर्ण नियम बनाए, किसी सेवा या उत्पाद की आपूर्ति में बाधा डाले, या ग्राहकों पर अनुचित शर्तें थोपे। अगर CCI को शुरुआती जांच में यह लगता है कि इंडिगो ऐसा कर रही है, तो वह पूरी तरह से जांच शुरू करने का आदेश दे सकती है।

यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो एंटीट्रस्ट जांच के घेरे में आई है। हालांकि, 2015 और 2016 में दर्ज दो मामलों (एक यात्रियों पर अनुचित शर्तें लगाने को लेकर और दूसरा एयर इंडिया की शिकायत पर भर्ती के तरीकों को लेकर) को CCI ने पहले ही खारिज कर दिया था।

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