IndiGo Flight Crisis: देशभर में इंडिगो की हजारों उड़ानें रद्द होने से यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। 2 दिसंबर से शुरू हुआ संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है और अब तक करीब 5,000 फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। लाखों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं, वहीं विमानों का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित है। सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति को गंभीर बताते हुए चिंता जरूर जताई, लेकिन केंद्र सरकार के कदमों को देखते हुए तत्काल हस्तक्षेप से इनकार कर दिया। इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा।
इंडिगो द्वारा लगातार उड़ानें रद्द किए जाने की वजह से कई एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। एविएशन सेक्टर के जानकारों के अनुसार पूरी समस्या नए ‘फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन’ (FDTL) नियमों के कारण पैदा हुई है। इन नियमों में पायलटों के आराम के समय को बढ़ाया गया है, जिससे अचानक क्रू की भारी कमी हो गई और पूरी उड़ान व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। मंगलवार को ही दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने फंसे हुए यात्रियों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि सरकार पहले से ही स्थिति संभालने में सक्रिय है, इसलिए फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
इधर, दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि प्रभावित यात्रियों को तुरंत राहत और पूर्ण रिफंड दिया जाए। हाईकोर्ट की बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला शामिल हैं, इस याचिका की सुनवाई आज करेगी।
नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी रद्द उड़ानों के PNR का 100 प्रतिशत रिफंड पूरा कर दिया गया है। यात्रियों का बैगेज भी 24 घंटे के भीतर उनके घर पहुंचाया जा रहा है, जिसमें 90 प्रतिशत बैगेज डिलीवर हो चुका है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को सभी रूटों पर अपनी उड़ानें 10 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया है। उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि एयरलाइन अपने विंटर और समर शेड्यूल को ठीक से संचालित करने में विफल रही है, इसलिए यह कदम आवश्यक था। इंडिगो को आज शाम 5 बजे तक अपना संशोधित उड़ान शेड्यूल जमा करना होगा।
देशभर में फ्लाइट कैंसिलेशन से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं। अकेले दिल्ली से 152, बेंगलुरु से 121, हैदराबाद से 58 और चेन्नई से 41 उड़ानें रद्द की गईं। यह संकट अब लगभग सभी बड़े हवाई अड्डों को प्रभावित कर चुका है और स्थिति में सुधार अभी कुछ समय तक संभव नहीं दिख रहा।
