संसद में आज पीएम मोदी शुरू करेंगे ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर भाषण देंगे, जिसमें वे बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस राष्ट्रीय गीत के ऐतिहासिक महत्व, आजादी की लड़ाई में योगदान और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर बात करेंगे।

PM Modi to Initiate Special Discussion in Parliament Today on 150 Years of 'Vande Mataram'
PM Modi to Initiate Special Discussion in Parliament Today on 150 Years of 'Vande Mataram'

संसद का शीतकालीन सत्र 2025 जारी है और आज लोकसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर विशेष चर्चा होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर भाषण देंगे, जिसमें वे बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस राष्ट्रीय गीत के ऐतिहासिक महत्व, आजादी की लड़ाई में योगदान और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर बात करेंगे। ‘वंदे मातरम’ पहली बार 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ था और बाद में उपन्यास आनंदमठ में शामिल किया गया। रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया, और समय के साथ यह राष्ट्र की सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना का अभिन्न हिस्सा बन गया है।

विरोधी दलों ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया है कि वह भारत की आजादी और एकता के प्रतीकों के साथ असहज है। शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह चर्चा महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे किसी राजनीतिक एजेंडे में बदलने की बजाय देशहित को प्राथमिकता देनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने कहा कि वे इस ऐतिहासिक चर्चा में भाग लेंगे, जबकि कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने जोर दिया कि ‘वंदे मातरम’ आज़ादी के संघर्ष से गहरा जुड़ा है और कांग्रेस इसे गर्व से पेश कर सकती है।

लोकसभा में कांग्रेस की ओर से आठ नेता वक्तव्य देंगे, जिनमें प्रियंका गांधी वाड्रा, गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजाम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पाडोले, चमाला रेड्डी और ज्योत्स्ना महंत शामिल हैं। इसके साथ ही, कुछ सांसदों ने संसद में शिक्षा और सुरक्षा से जुड़े गंभीर मामलों पर तत्काल चर्चा की मांग भी उठाई है।

सत्र 1 दिसंबर से चल रहा है और यह 18वीं लोकसभा का छठा सत्र तथा राज्यसभा का 269वां सत्र है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। चर्चा में पीएम मोदी के संबोधन के साथ-साथ ‘वंदे मातरम’ के ऐतिहासिक और वर्तमान संदर्भ पर भी विस्तार से विचार होने की संभावना है। साथ ही, एयरलाइन संकट जैसे मुद्दों पर भी संसद में चर्चा होने की उम्मीद है, जिसमें इंडिगो की लगातार उड़ानों की रद्दीकरण और यात्रियों पर इसका असर शामिल हो सकता है।

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