पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर मस्जिद निर्माण को लेकर राज्य की राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि मस्जिद के शिलान्यास का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे आयोजित किया जाएगा। कबीर के अनुसार, “सब कुछ ठीक है और दोपहर 12 बजे तक इंतजार करें। दोपहर 12 बजे कुरान पढ़ा जाएगा। उसके बाद शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसके लिए उनके समर्थक ईंट लेकर भी निकल पड़े हैं।”
इस आयोजन की तस्वीरें भी सामने आई हैं। हुमायूं कबीर ने यह भी बताया कि उन्हें जिला प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने मुर्शिदाबाद पुलिस और राज्य पुलिस द्वारा इस आयोजन में उनका सपोर्ट किए जाने पर उनका धन्यवाद भी किया।
हुमायूं कबीर के फैसले पर बीजेपी का हमला
हुमायूं कबीर के इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे बंगाल की सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कबीर पर सीधा हमला बोला। घोष ने आरोप लगाया कि हुमायूं कबीर जैसे नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए ऐसे कदम उठा रहे हैं और यह सब मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि TMC की अंदरूनी लड़ाई के कारण ऐसी स्थितियां पैदा हो रही हैं।
दिलीप घोष ने कबीर पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की कि हुमायूं कबीर अब तक कई पार्टियों में जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें राजनीति करनी है तो एक नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ें। घोष ने कहा कि वह मुसलमानों का भला करें और उनके उद्धार के बारे में सोचें लेकिन वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे कदम उठाना सही नहीं है।
Dhori Machh Naa Chhui Paani.
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) December 6, 2025
This proverb means, “to get something done without getting your hands dirty”.
Mamata Banerjee has decided to polarise Muslims in West Bengal through her MLA Humayun Kabir, while distancing herself from him.
In this video we see Muslims carrying… pic.twitter.com/syrA1Sx58o
‘बाबरी मस्जिद को भूल जाना चाहिए’
राम मंदिर का जिक्र करते हुए दिलीप घोष ने एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब जब राम मंदिर बन चुका है, तो बाबरी मस्जिद को भूल जाना चाहिए। इन बयानों ने मुर्शिदाबाद में चल रहे राजनीतिक विवाद को और तेज कर दिया है। हालांकि, हुमायूं कबीर बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनका कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति और सहयोग से ही हो रहा है। फिलहाल इलाके में इस मुद्दे को लेकर सियासी तापमान बढ़ा हुआ है।
