पाकिस्तान में लंबे समय से चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से उनकी बहन डॉ. उजमा खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में मुलाकात की। यह मुलाकात रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल में हुई, जहां इमरान खान अगस्त 2023 से विभिन्न मामलों में बंद हैं।
पिछले करीब एक महीने से इमरान खान से उनके किसी भी परिवारिक सदस्य को मुलाकात की अनुमति नहीं मिल रही थी। इसी वजह से सोशल मीडिया पर उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और यहां तक कि उनके जीवित होने को लेकर सवाल उठने लगे थे। पाकिस्तान के कई शहरों में लोगों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंगलवार को इन प्रदर्शनों के बाद आखिरकार प्रशासन ने उनकी बहन को जेल में जाकर मिलने की अनुमति दी।
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ. उजमा खान ने कहा कि इमरान खान की तबीयत ठीक है, लेकिन उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इमरान खान अलग-थलग रखे गए हैं और किसी से बातचीत करने की अनुमति नहीं है। डॉ. उजमा के मुताबिक इमरान खान बेहद नाराज हैं और उन्होंने साफ कहा है कि उनकी वर्तमान स्थिति के लिए सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनिर जिम्मेदार हैं।
इस मुलाकात के दौरान जेल परिसर और आसपास के इलाकों में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई। रावलपिंडी और इस्लामाबाद में सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया। आठ पुलिस थाना क्षेत्रों को सील कर दिया गया और अदियाला रोड के दोनों ओर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। अधिकारियों के अनुसार पूरे 8 किलोमीटर क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई थी। स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए और स्थानीय निवासियों को केवल पहचान पत्र दिखाने पर प्रवेश की अनुमति मिली।
इस बीच, पाकिस्तान की राजनीति में एक और बड़ा घटनाक्रम भी चर्चा में है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा में PTI की सरकार को गिराने की तैयारी हो रही है और वहां राज्यपाल शासन लागू किया जा सकता है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी लगातार इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं, जिससे सरकार और सेना की असहजता बढ़ गई है।
इमरान खान की इस मुलाकात के बाद भले ही यह साफ हो गया हो कि वह स्वस्थ और जेल में मौजूद हैं, लेकिन पाकिस्तान की राजनीति में तनाव कम होने के बजाय और अधिक बढ़ गया है। आने वाले दिनों में पाकिस्तान की सियासत में और बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
