नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र का पहला दिन बेहद हंगामेदार रहा, जहाँ एसआईआर (SIR) समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष आमने-सामने आए। सदन के अंदर और बाहर राजनीतिक घमासान जारी रहा। इसी बीच सत्र के पहले ही दिन एक नया विवाद सामने आया जब कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी एक डॉगी (पिल्ले) को साथ लेकर संसद परिसर में पहुँच गईं। इस घटना को लेकर बवाल तब बढ़ गया जब बीजेपी के दिग्गज नेता और सांसद जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग कर दी।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद जगदंबिका पाल ने इस घटना को विशेषाधिकार का दुरुपयोग करार देते हुए कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि संसद देश की सर्वोच्च संस्था है, जहां इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र और सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचाता है। पाल ने कहा कि सांसदों को विशेष अधिकार दिए जाते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि वे अमर्यादित आचरण करें।
Parliament's visitors' galleries have been blessed by a rather special guest, Congress MP Renuka Chowdhury's pet dog 🐶 #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/xl04bjyb3J
— Atishay Jain (@AtishayyJain96) December 1, 2025
उधर इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए रेणुका चौधरी ने सफाई दी कि उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन या जानबूझकर कोई अनुचित कार्य नहीं किया। चौधरी का कहना है कि रास्ते में एक हादसा देखा, जहां एक छोटा पिल्ला सड़क पर घायल होने के खतरे में था। उन्हें लगा कि यदि उसे वहीं छोड़ दिया जाता तो वह किसी वाहन की चपेट में आ सकता था। इसलिए वह उसे कार में बैठाकर संसद परिसर तक ले आईं और तुरंत उसे घर भेज भी दिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “सरकार के पास क्या और करने के लिए कोई विषय नहीं है? असली काटने वाले तो संसद के अंदर बैठे हैं और देश चलाते हैं। हम तो एक बेजुबान जानवर की जान बचाने की कोशिश कर रहे थे।”
चौधरी ने आगे कहा कि यह विवाद अनावश्यक है और इसका राजनीतिकरण कर असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “हम एक जानवर की रक्षा करें तो यह चर्चा का विषय बन जाता है, लेकिन जो लोग हर रोज़ जनता के अधिकारों को काटते हैं, उन पर बात कौन करेगा?”
ये कह रहें हैं कि विपक्ष सदन नहीं चलने देता है।
— Renuka Chowdhury (@RenukaCCongress) December 1, 2025
मैं सब documents लाईं हूँ, पिछले सदन में मैंने कितने notices दिए, क्या क्या सवाल पूछा, पर ये सरकार सवालों से भागती रही।
ये है इनकी सच्चाई ! #ParliamentWinterSession pic.twitter.com/YGQnyKGiPo
संसद परिसर में यह घटना पूरे दिन राजनीतिक बयानबाजी का केंद्र बनी रही। शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष जहां शासन से जुड़े गंभीर मुद्दे उठाने पर जोर दे रहा है, वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष संसद को बाधित कर रहा है। ऐसे माहौल में यह ‘डॉगी विवाद’ सत्र के पहले दिन राजनीतिक तनाव को और बढ़ाता हुआ दिखाई दिया।
