कांग्रेस का पीएम मोदी पर पलटवार: ‘सबसे बड़े ड्रामेबाज’ बताया, खरगे बोले- असल मुद्दों पर चर्चा करें

Kharge Slams PM Modi: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पीएम मोदी ने विपक्ष को संसद में ड्रामा करने वाला बताया था और कहा था कि विपक्ष पराजय की बौखलाहट में व्यवहार कर रहा है।

Congress Hits Back at PM Modi: Calls Him 'The Biggest Dramatist'; Kharge Urges Discussion on Real Issues
Congress Hits Back at PM Modi: Calls Him 'The Biggest Dramatist'; Kharge Urges Discussion on Real Issues

Kharge Slams PM Modi: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पीएम मोदी ने विपक्ष को संसद में ड्रामा करने वाला बताया था और कहा था कि विपक्ष पराजय की बौखलाहट में व्यवहार कर रहा है। इसके जवाब में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को ही “सबसे बड़ा ड्रामेबाज” कहकर पलटवार किया।

मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि संसद बहस और नीतियों पर चर्चा की जगह है, न कि नारेबाज़ी या राजनीतिक नाटक की। उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि नारे लगाने और ड्रामा करने के लिए देश में बहुत जगह है, लेकिन संसद में गंभीरता से नीति-निर्माण पर चर्चा होनी चाहिए। उनका कहना था कि राजनीति में नकारात्मकता कुछ समय के लिए उपयोगी हो सकती है लेकिन राष्ट्र निर्माण के लिए सकारात्मक सोच ज़रूरी है।

प्रधानमंत्री के इसी बयान से कांग्रेस भड़क गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा कि सरकार 11 साल से संसदीय परंपराओं और मर्यादाओं को ध्वस्त कर रही है और जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है। खरगे ने आरोप लगाया कि बेरोज़गारी, महंगाई और आर्थिक असमानता जैसी समस्याओं पर सरकार चर्चा से बच रही है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ड्रामेबाजी कर रहा है और अब समय आ गया है कि वास्तविक मुद्दों पर ईमानदार बहस हो।

खरगे ने आगे कहा कि आम लोग संघर्ष कर रहे हैं और सरकार ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया और बढ़ते काम के बोझ का जिक्र करते हुए कहा कि इसी कारण कई बीएलओ अपनी जान गंवा रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर संवेदनशील नहीं है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि संसद में जनता के मुद्दे उठाना ड्रामा नहीं बल्कि लोकतंत्र का मूल दायित्व है। प्रियंका ने सवाल उठाया कि अगर चुनाव, एसआईआर व्यवस्था और प्रदूषण जैसे विषयों पर चर्चा नहीं होगी तो फिर संसद का अस्तित्व किसलिए है।

इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने भी तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नारेबाज़ी की नसीहत दे रहे हैं, जबकि ‘मोदी-मोदी’ के नारे संसद में सबसे पहले भाजपा की ओर से गूंजने शुरू हुए थे। उन्होंने कहा कि नेहरू, इंदिरा गांधी या लाल बहादुर शास्त्री के समय ऐसा माहौल कभी नहीं देखा गया। वेणुगोपाल के अनुसार विपक्ष का काम सरकार की नीतियों की आलोचना करना है और इसी को ड्रामा बताना लोकतंत्र की अवमानना है।

बयानबाज़ी के इस दौर में संसद का सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन असल मुद्दों पर चर्चा होगी या राजनीतिक तकरार ही हावी रहेगा—यह अभी देखना बाकी है।

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