यूक्रेन युद्ध समाधान पर प्रयास तेज़: अबू धाबी में अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच हुई बातचीत

वॉशिंगटन: चार साल से जारी यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में अब अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इसी क्रम में अबू धाबी में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नई शांति पहल का हिस्सा माना जा रहा है।

US and Russian Authorities Engage in Talks in Abu Dhabi Focused on Ending the Ukraine War
US and Russian Authorities Engage in Talks in Abu Dhabi Focused on Ending the Ukraine War

वॉशिंगटन: चार साल से जारी यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में अब अमेरिका और रूस के बीच कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इसी क्रम में अबू धाबी में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नई शांति पहल का हिस्सा माना जा रहा है। इस बातचीत को युद्ध विराम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।

इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि उनका देश शांति समझौते पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि वह कई संवेदनशील मुद्दों पर राष्ट्रपति ट्रंप से व्यक्तिगत रूप से चर्चा करेंगे। जेलेंस्की का कहना है कि इस प्रक्रिया में यूरोपीय देशों की भागीदारी भी ज़रूरी है। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि यूक्रेन युद्ध के समाधान को लेकर प्रयास अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार बातचीत में अमेरिकी आर्मी सेक्रेटरी डैन ड्रिस्काल ने रूस के अधिकारियों से मुलाकात की। ड्रिस्काल के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेफ टोल्बर्ट ने बताया कि सोमवार रात और मंगलवार को अबू धाबी में यूक्रेन में स्थायी शांति हासिल करने पर लंबी चर्चाएँ हुईं और अमेरिकी पक्ष बातचीत के नतीजों को लेकर आशावादी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूसी प्रतिनिधिमंडल में कौन शामिल था और बैठक में किन विषयों पर गहराई से चर्चा हुई। यह भी संभावना जताई जा रही है कि ड्रिस्काल जल्द ही यूक्रेनी अधिकारियों से भी मिलेंगे।

इस बीच खबर है कि अमेरिका ने यूक्रेन को 28 बिंदुओं वाली शांति योजना का मसौदा सौंपा है। इसमें रूस के कब्जे वाले डोनेस्क और लुहांस्क क्षेत्रों पर दावा छोड़ने, सेना का आकार घटाने, नाटो सदस्यता का इरादा त्यागने और युद्ध के बाद यूरोपीय सेना की तैनाती से परहेज़ करने जैसी कठोर शर्तें शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन ने इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए 27 नवंबर तक की समय सीमा तय की है।

जेलेंस्की ने यूरोपियन नेताओं से अपील की है कि वे यूक्रेन में “रीऐश्योरेंस फ़ोर्स” की संभावित तैनाती पर विचार करें और जब तक रूस युद्ध रोकने की इच्छा नहीं दिखाता, तब तक समर्थन जारी रखें। इसी के साथ अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपियन अधिकारी जेनेवा में बैठक कर इस प्रस्ताव में सुधार के विकल्प तलाश रहे हैं, ताकि यूक्रेन की सुरक्षा और राजनीतिक स्वायत्तता सुनिश्चित की जा सके।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि संशोधित शांति प्रस्ताव में अगस्त में अलास्का में हुई ट्रंप-पुतिन मुलाकात में तय हुए सिद्धांतों की झलक दिखाई देनी चाहिए।

इन घटनाक्रमों का असर वैश्विक बाज़ारों पर भी दिखाई दिया है। यूरोपियन शेयर बाज़ारों में निवेशकों के बीच आशा बढ़ी है, जिसके चलते खरीदारी के साथ बाज़ार में तेजी दर्ज की गई।

हालाँकि बातचीत जारी रहने के बीच युद्ध का मैदान पूरी तरह शांत नहीं हुआ है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने कीव सहित कई यूक्रेनी शहरों पर 22 मिसाइलों और 460 से अधिक ड्रोन से हमला किया, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें तथा ऊर्जा प्रणालियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं। दूसरी तरफ यूक्रेन की ओर से दक्षिणी रूस में किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हुई और कई घर नष्ट हुए। इसी बीच रूस के टीयू-160 बमवर्षक विमान ने आर्कटिक क्षेत्र में लगभग 11 घंटे तक रणनीतिक गश्ती उड़ान भरी।

युद्ध और कूटनीति दोनों समानांतर चल रहे हैं, और दुनिया की निगाहें अब इस बात पर टिक गई हैं कि क्या यह पहल वास्तव में शांति समझौते में बदल पाएगी या संघर्ष और लंबा खिंचेगा।

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