Ayodhya Dhwajarohan Ceremony 2025: अयोध्या में सदियों से जिस पल का इंतजार किया जा रहा था, आज वह पूर्णता को प्राप्त हो गया। भव्य राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को शुभ मुहूर्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के 161 फुट ऊँचे शिखर पर ऐतिहासिक केसरिया ध्वज फहरा दिया। प्रधानमंत्री ने करीब तीन किलो वजनी इस ध्वज को रिमोट के जरिये मंदिर के शिखर पर लहराया। भव्य समारोह के दौरान पूरा मंदिर प्रांगण ‘जय श्री राम’ के नारों से गुंजायमान हो उठा। मौजूद साधु-संतों और विशिष्ट मेहमानों ने करतल ध्वनि से तालियां बजाकर अपनी प्रसन्नता का इजहार किया। इस नयनाभिराम दृश्य को देखकर कई लोगों की आंखें छलक उठीं।
यह ऐतिहासिक आयोजन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर, श्रीराम और माँ सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त पर हुआ है। भगवा रंग का यह ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है। इस पर भगवान श्री राम की प्रतिभा और वीरता का प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर बनी है। साथ ही, इस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ ‘ओम’ लिखा है। ध्वज का रंग त्याग और भक्ति का प्रतीक है और इसे तिकोने आकार में बनाया गया है।
साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने बताया ऐतिहासिक क्षण
25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह की तैयारियाँ महीने भर से चल रही थीं। इस मौके पर पूरी अयोध्या नगरी आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी नजर आई। साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की।
रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है। उन्होंने इस क्षण को घोर तपस्या के बाद आया हुआ बताते हुए ध्वजारोहण में शामिल होने को अपने लिए अत्यंत सौभाग्य की बात कहा। इसी तरह, राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद कभी नहीं की थी और इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना उन्हें अपार आनंद देता है।
पीएम मोदी ने सप्तमंदिर और शेषावतार मंदिर में झुकाया शीश
ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आध्यात्मिक दौरा भी चला। राम मंदिर के अंदर पुजारी पिछले चार दिनों से अनुष्ठान कर रहे थे, जिसमें देश भर से विद्वान और स्थानीय वैदिक विशेषज्ञ उपस्थित रहे। इससे पहले, सुबह करीब 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सप्तमंदिर गए। उन्होंने महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाया। इसके बाद, वह शेषावतार मंदिर और सुबह करीब 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर भी गए।
