Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। हवा की गुणवत्ता में सुधार के तमाम प्रयासों के बावजूद दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 10वें दिन भी बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी के 39 में से 14 निगरानी स्टेशनों पर AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया, यानी इन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता 400 के पार पहुंच गई है। वज़ीरपुर और विवेक विहार जैसे क्षेत्रों में स्थिति सबसे खराब पाई गई, जहां AQI 440 से 450 के बीच दर्ज हुआ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार सुबह 5 बजे दिल्ली का औसत AQI 380 रिकॉर्ड किया गया। आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, मुंडका, नॉर्थ कैंपस, रोहिणी और पंजाबी बाग समेत कई इलाकों में हवा बेहद जहरीली बनी हुई है। लगातार बिगड़ रहे हालात ने लोगों की सेहत को भी खतरे में डाल दिया है, विशेषकर बुजुर्ग, बच्चे और सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोग इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
बिगड़ती हवा के मद्देनज़र सरकार ने GRAP-3 लागू होने के बावजूद GRAP-4 जैसे कड़े निर्देश लागू करने का फैसला किया है। अब निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम की अनुमति दी गई है, जबकि बाकी 50% को दफ्तर जाकर काम करना होगा। CAQM ने दिल्ली-एनसीआर के सभी सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों में इसी नियम को अपनाने के आदेश दिए हैं।
वाहनों से बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कार्यालयों के समय में बदलाव किया गया है। दिल्ली सरकार के दफ्तर अब सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक संचालित होंगे, जबकि नगर निगम दिल्ली (MCD) के कार्यालय सुबह 8:30 बजे से शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। ये नए कार्यालय समय फरवरी 2026 तक लागू रहेंगे।
प्रदूषण के स्रोतों पर कार्रवाई के लिए हरियाणा के दिल्ली से सटे औद्योगिक क्षेत्रों की भी जांच की जा रही है। अब तक 101 साइटों की जांच में 29 औद्योगिक इकाइयों और निर्माण स्थलों पर नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई है, जिसके चलते उन पर सख्त कार्रवाई की गई है।
लगातार जहरीली हवा से जूझ रही दिल्ली में राहत की उम्मीद फिलहाल कम दिखाई दे रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक प्रदूषण के मूल कारणों पर ठोस और दीर्घकालिक कदम नहीं उठाए जाते, राजधानी की हवा इसी तरह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी।
