फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक पिता ने अपनी संतान की हत्या कर दी। आरोपी पिता सुनील ने अपनी पत्नी पर शक करते हुए यह क़दम उठाया, क्योंकि उसे यकीन था कि बच्चे उसके नहीं हैं। आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश साक्षी शर्मा की अदालत ने सुनील को 302 और 328 के तहत दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसे 55,000 रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। यदि अर्थदंड का भुगतान नहीं किया गया, तो अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जानकारी के अनुसार, लक्ष्मी शंकर का कहना है कि उनकी पुत्री निर्मला की शादी 12 साल पहले सुनील से हुई थी। इस दौरान निर्मला ने दो बेटे और दो बेटियों को जन्म दिया। सुनील ने पत्नी पर बदचलन होने का आरोप लगाया और दावा किया कि दोनों बेटे उसके नहीं हैं। डर के कारण निर्मला मायके आ गई और तीन साल तक वहीं रही।
18 अप्रैल 2022 को सुनील अपने लोडर टेंपो में आया और रात को वहीं सोते हुए बेटे डेविट की हत्या कर दी। मामले में लक्ष्मीशंकर ने दामाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने 302 और 328 के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की और आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी भूपेंद्र राठौर ने पैरवी की। कई गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने सुनील को दोषी ठहराया और सजा सुनाई। यह मामला समाज में घरेलू हिंसा और शक के खतरनाक परिणामों को उजागर करता है।
