अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जा रहे गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई को कुछ ही देर में दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर उतार लिया जाएगा, जहां पहुंचते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी उसे अपने दर्ज मामले में गिरफ्तार करेगी।
अनमोल की भारत वापसी को सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय तक वह विदेश में रहकर गैंग की गतिविधियों को संचालित करता रहा था। उसके खिलाफ कई राज्यों में केस दर्ज हैं, जिनके आधार पर दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की पुलिस उसके आने के बाद क्रमवार कार्रवाई करेगी। दिल्ली क्राइम ब्रांच के पास भी अनमोल के खिलाफ दो मामले लंबित हैं, जिनमें 2023 में व्यापारियों से करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगना और इनकार करने पर उनके घरों पर फायरिंग कराना शामिल है।
लॉरेंस गैंग का कमजोर होता नेटवर्क
अनमोल की गिरफ्तारी को लारेंस बिश्नोई गिरोह के कमजोर पड़ने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में पुलिस कार्रवाई के चलते लारेंस के कई गुर्गों को पकड़े जाने के बाद गैंग का प्रभाव लगातार घटा है, जबकि विरोधी गिरोहों, खासकर गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा के नेटवर्क का दायरा तेजी से बढ़ रहा है।
दुबई, कनाडा और अमेरिका में इनके अधिक शूटर सक्रिय माने जाते हैं। हाल ही में दुबई में दोनों गैंगों के बीच हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें गोदारा गिरोह ने लारेंस के एक शूटर की हत्या कर दी थी और उसके बाद खुलेआम इस वारदात की जिम्मेदारी लेकर बिश्नोई गैंग को धमकी भी दी थी।
प्रतिद्वंद्वी गैंगों से जान का खतरा
विदेश में हुई इस गैंगवॉर के बाद प्रतिद्वंद्वी गिरोहों की बढ़ती ताकत ने अनमोल को लगातार भयभीत कर रखा था। सूत्र बताते हैं कि दुश्मन गैंगों से बढ़ते खतरे ने उसे अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित कर दिया था। इसी आशंका ने उसे अमेरिका में ही एजेंसियों के सामने सरेंडर करने के लिए मजबूर किया। माना जा रहा है कि अनमोल को लगा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की कस्टडी उसके लिए विदेश की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित होगी। इसी रणनीति के कारण वह अमेरिकी एजेंसियों के हवाले हुआ और अब उसे भारत लाया जा रहा है, जहां उसके खिलाफ दर्ज मामलों की आगे कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी।
