लाल किला ब्लास्ट केस: डॉक्टरों के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ाव ने खुफिया एजेंसियों में मचाई हलचल

Red Fort Blast Case: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर घंटे नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच का केंद्र अब पढ़े-लिखे युवाओं, विशेष रूप से डॉक्टरों के एक नेटवर्क पर आकर टिक गया है।

Red Fort Blast Case: Intelligence Agencies Rattled as Doctors’ Link to Terror Module Surfaces
Red Fort Blast Case: Intelligence Agencies Rattled as Doctors’ Link to Terror Module Surfaces

Red Fort Blast Case: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर घंटे नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच का केंद्र अब पढ़े-लिखे युवाओं, विशेष रूप से डॉक्टरों के एक नेटवर्क पर आकर टिक गया है। इस सिलसिले में जम्मू से लेकर फरीदाबाद और गुजरात तक कई गिरफ्तारियां हुई हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आम जनता को भी हैरान कर दिया है।

नई शादी, नई नौकरी और सलाखों के पीछे डॉ. साजिद

इस जांच में जो नाम सबसे ज़्यादा सुर्खियों में है, वह है जम्मू के डॉ. साजिद अहमद माला। साजिद को हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उन पर दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े एक मॉड्यूल से संबंध रखने का आरोप है। हैरानी की बात यह है कि डॉ. साजिद ने बत्रा मेडिकल कॉलेज, जम्मू से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी और हाल ही में फरीदाबाद की अल-फला यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम शुरू किया था। सबसे दुखद पहलू यह है कि उनकी गिरफ्तारी उनकी शादी के सिर्फ दो दिन बाद हुई। एक नई ज़िंदगी की शुरुआत करने वाला युवा आज पुलिस के घेरे में है, जिसने उनके परिवार और परिचितों को सदमे में डाल दिया है।

पुलवामा से डॉ. उमर का नाम भी जांच के घेरे में

डॉ. साजिद के अलावा पुलवामा के रहने वाले डॉ. उमर उन नबी का नाम भी तेजी से जांच के घेरे में आया है। माना जा रहा है कि उनका भी इस नेटवर्क से कोई न कोई संबंध रहा है। उनके परिवार में तनाव का माहौल है, जहां उनकी भाभी मुज़म्मिला ने मीडिया को बताया कि पुलिस उनके पति, देवर और सास को ले गई थी। परिवार का कहना है कि उमर बच्चों से जुड़ा था, क्रिकेट खेलता था और उन्हें विश्वास नहीं होता कि वह ऐसा कर सकता है।

पुलिस के दावे: दिल्ली से श्रीनगर तक फैला ‘शिक्षित नेटवर्क’

जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पूरे नेटवर्क का लिंक दिल्ली, फरीदाबाद और श्रीनगर तक फैला हुआ है। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह में शिक्षित युवा शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल लॉजिस्टिक और सप्लाई चेन संभालने के लिए किया जा रहा था। फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी से जांच एजेंसियों ने रासायनिक पदार्थों, टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कुछ हिस्से जब्त किए हैं।

डॉक्टर, AK-47 और ज़हरीला ‘रिसिन’

गिरफ्तारियों की इस कड़ी में सबसे पहले अनंतनाग में डॉ. आदिल अहमद राठर को पकड़ा गया, जो अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था। उसके लॉकर से पुलिस को AK-47 राइफल मिली थी और उसका संबंध जैश-ए-मोहम्मद से पाया गया।

इसके बाद, फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से ‘कैरोम कॉक’ नाम की असॉल्ट राइफल मिली।

वहीं, 7 नवंबर को गुजरात एटीएस ने हैदराबाद के डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को पकड़ा, जो चीन से पढ़ाई कर चुका है। जांच में खुलासा हुआ कि वह अरंडी के बीजों से बनने वाला बेहद जहरीला ज़हर ‘रिसिन’ तैयार कर रहा था और उसने भीड़भाड़ वाली जगहों की रेकी की थी।

डॉ. मुझमिल के ठिकाने से मिला 2900 किलो विस्फोटक

इस ऑपरेशन में सबसे अहम गिरफ्तारी 10 नवंबर को फरीदाबाद से डॉ. मुझमिल शकील की हुई। यह कश्मीरी डॉक्टर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था। उसके पास से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला। बाद में उसके ही दूसरे ठिकाने से 2563 किलो यानी कुल 2900 किलो से अधिक विस्फोटक बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक, शकील का संबंध जैश जैसे प्रतिबंधित संगठनों से है और वह पहले भी श्रीनगर में आतंकी पोस्टर लगाने में शामिल रहा था।

जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उच्च शिक्षा प्राप्त इन पेशेवरों को इस खतरनाक नेटवर्क में किसने शामिल किया और इनका अंतिम मकसद क्या था।

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