Nithari Killings: देश को झकझोर देने वाले निठारी हत्याकांड से जुड़े आखिरी बचे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने आरोपी सुरेंद्र कोली की सजा रद्द करते हुए उसकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और विक्रम नाथ की पीठ ने कोली की क्यूरेटिव याचिका स्वीकार कर ली। यह याचिका उस फैसले को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में कोली की मौत की सजा को बरकरार रखा था और 2014 में उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने मंगलवार को दोनों पुराने आदेशों को रद्द करते हुए कहा कि कोली को सभी आरोपों से बरी किया जाता है और उसे तुरंत रिहा किया जाए।
कोली की ओर से दलील दी गई थी कि उसे अन्य सभी मामलों में पहले ही बरी किया जा चुका है, इसलिए इस आखिरी मामले में सजा बरकरार रखना उचित नहीं। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए उसके पक्ष में फैसला सुनाया।
बता दें कि 2006 में नोएडा के निठारी गांव में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पास नाले से कई बच्चों और युवतियों के कंकाल बरामद होने के बाद यह मामला सामने आया था। जांच में घर के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर हत्या, रेप और नरभक्षण जैसे जघन्य अपराधों के आरोप लगे थे।
कोली को कुल 16 मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, जनवरी 2015 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दया याचिका पर फैसला आने में देरी के कारण उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2023 में हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर दोनों को निठारी के कई मामलों में बरी कर दिया था।
सीबीआई और पीड़ित परिवारों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने 30 जुलाई 2024 को सभी 14 अपीलें खारिज कर दीं। आज के फैसले के साथ सुरेंद्र कोली अब निठारी कांड के सभी मामलों से पूरी तरह बरी हो गया है।
