लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी स्कूलों में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के गायन को अनिवार्य करने का ऐलान किया है। उन्होंने इस दौरान वंदे मातरम का विरोध करने वालों पर तीखा हमला किया और कहा कि वंदे मातरम का विरोध न केवल अनुचित है, बल्कि यह भारत के विभाजन के पीछे एक दुर्भाग्यपूर्ण कारण भी रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब प्रदेश के हर स्कूल में वंदे मातरम का गायन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि “यह वही लोग हैं जो सरदार पटेल की जयंती में शामिल नहीं होते, लेकिन जिन्ना को सम्मान देने वाले कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।” उन्होंने वंदे मातरम के विरोध को राष्ट्रविरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया और कहा कि ऐसे विचारों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगर देश में कोई दोबारा जिन्ना पैदा होने की कोशिश करता है, तो उसे हम यहीं जिंदा दफन कर देंगे।” उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है।
राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' का गायन,
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 10, 2025
उत्तर प्रदेश के हर विद्यालय, हर शिक्षण संस्थान में अनिवार्य करेंगे… pic.twitter.com/eZ07d49tlb
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर इतिहास को लेकर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “वंदे मातरम के खिलाफ विषवमन हो रहा है।” उन्होंने याद दिलाया कि जिस कांग्रेस के अधिवेशन में 1896-97 में स्वयं गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने पूरे वंदे मातरम का गायन किया था और 1896 से लेकर 1922 तक कांग्रेस के हर अधिवेशन में वंदे मातरम का गायन होता था, लेकिन 1923 में जब मोहम्मद अली जौहर कांग्रेस के अध्यक्ष बने तो वंदे मातरम का गायन शुरू होते ही वह उठकर चले गए और गाने से इनकार कर दिया। सीएम योगी ने दावा किया कि वंदे मातरम का इस प्रकार का विरोध भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना था।
आदित्यनाथ ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस ने उस समय मोहम्मद अली जौहर को अध्यक्ष पद से बेदखल करके वंदे मातरम के माध्यम से भारत की राष्ट्रीयता का सम्मान किया होता, तो भारत का विभाजन नहीं होता। उन्होंने दावा किया कि बाद में कांग्रेस ने वंदे मातरम में संशोधन करने के लिए एक कमेटी बनाई और 1937 में रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इसमें कुछ ऐसे शब्द हैं जो भारत माता को दुर्गा, लक्ष्मी या सरस्वती के रूप में प्रस्तुत करते हैं, इनको संशोधित कर दिया जाए।
लौह पुरुष, 'भारत रत्न' सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 150वीं जयंती समारोह अभियान के अंतर्गत गोरखपुर में 'एकता यात्रा' एवं राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' के सामूहिक गायन हेतु आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/ItOvwUHN3S
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मुख्यमंत्री ने वंदे मातरम को धरती माता की उपासना का गीत बताया और कहा कि हम सब के संस्कार हैं कि धरती हमारी माता है और हम सब इसके पुत्र हैं। उन्होंने जोर दिया कि पुत्र होने के नाते अगर माँ के सम्मान में कहीं कोई आँच आती है, तो हमारा दायित्व बनता है कि हम उसके खिलाफ खड़े हों। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति दुर्भाग्य से 1947 में देश के विभाजन का कारण बनी और आज भी जब अखिल भारतीय स्तर पर वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजन प्रारंभ हुए, तो फिर वही विरोध वाले स्वर फूटने प्रारंभ हो गए।
