Canada New Visa Rules: कनाडा अपनी इमिग्रेशन नीति में दशकों का सबसे बड़ा बदलाव करने जा रहा है। सरकार अगले साल से विदेशी छात्रों के दाखिलों में 25 से 32 प्रतिशत तक कटौती करने की योजना बना रही है, जिसमें भारतीय छात्रों की संख्या भी काफी अधिक है। इसके साथ ही कनाडा हजारों अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं और अमेरिका के H-1B वीजा धारकों के लिए नए विशेष प्रवेश मार्ग शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार ने अपने पहले बजट में वैश्विक टैलेंट को कनाडा लाने पर विशेष जोर दिया है। इसके लिए 1.2 बिलियन डॉलर (लगभग 106 करोड़ रुपये) का प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इस निवेश से 1,000 से अधिक उच्च-कौशल वाले पेशेवरों की भर्ती की जा सके। चुने गए शोधकर्ता कनाडा की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और भविष्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
कनाडा जल्द ही H-1B वीजा धारकों के लिए तेज एंट्री प्रक्रिया लागू करेगा। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के बाद आया है, जिससे अमेरिका में उच्च-कौशल प्रवासियों में अनिश्चितता बढ़ गई है। नई नीति से अमेरिका और अन्य देशों के कई पेशेवर कनाडा की ओर रुख कर सकते हैं।
सरकार ने कुल इमिग्रेशन संख्या पर भी सख्त नियंत्रण रखा है। 2026 से 2028 तक हर साल लगभग 3.8 लाख स्थायी निवासियों को स्वीकार करने का लक्ष्य है। वहीं, अस्थायी निवासियों की संख्या में भारी कटौती की जाएगी। 2026 में इनकी संख्या 3.85 लाख, जबकि 2027 और 2028 में 3.70 लाख रखने का लक्ष्य है, जो इस साल की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक कम है।
विदेशी छात्रों के स्टडी परमिट में भी बड़ी गिरावट की जाएगी। 2026 में स्टडी परमिट की संख्या 1,55,000 रखी जाएगी और 2027 व 2028 में इसे घटाकर 1,50,000 किया जाएगा। यह ट्रूडो सरकार के अनुमानित 3,05,900 परमिट से लगभग आधा है।
विश्वविद्यालयों ने सरकार के प्रयासों का सम्मान किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि नई नीति देश की प्रतिभा-आधारित आर्थिक नीति से मेल खानी चाहिए। कनाडाई वित्तीय संस्था डेजार्डिन्स का मानना है कि कम प्रवासियों के आने से कर्मचारियों की कमी होगी, जिससे कंपनियों को वेतन बढ़ाना पड़ेगा। साथ ही, कम जनसंख्या वृद्धि से किराए में कमी और प्रति व्यक्ति GDP में सुधार की संभावना है।
कनाडा सरकार का लक्ष्य 2027 तक गैर-स्थायी निवासियों की हिस्सेदारी कुल आबादी में 5 प्रतिशत से कम करना है, जबकि वर्तमान में यह 7.3 प्रतिशत है। नई नीति से देश की इमिग्रेशन संरचना और आर्थिक संतुलन में बदलाव आने की उम्मीद है।
