Zubeen Garg Death Case: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि प्रसिद्ध गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में हत्या की गई थी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह घटना मात्र एक हादसा नहीं है। बता दें कि 19 सितंबर को जुबिन गर्ग की संदिग्ध परिस्थितियों में सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय मौत हो गई थी। वे वहां नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NEIF) के चौथे संस्करण में भाग लेने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चार्जशीट 8 दिसंबर तक तैयार की जाए, जबकि इसकी तय तारीख 17 दिसंबर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में तेजी लाने के लिए राज्य की CID के तहत एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है। अब तक इस मामले में 60 से अधिक FIR दर्ज की जा चुकी हैं। हालांकि, हिमंत विश्व शर्मा ने हत्या के दावे से जुड़े ठोस सबूतों का खुलासा नहीं किया है। उन्होंने बताया कि विदेश में हुई घटना पर चार्जशीट दाखिल करने के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति जरूरी होती है। इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया है।
We remain resolute in our quest to deliver justice to our #BelovedZubeen.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 3, 2025
The SIT will submit its chargesheet within December 18-19. pic.twitter.com/govqvSsfCs
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि SIT अगले कुछ दिनों में गृह मंत्रालय को पत्र भेजकर अनुमति मांगेगी, ताकि चार्जशीट जल्द दाखिल की जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि असम सरकार ने नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल को किसी तरह की वित्तीय सहायता नहीं दी थी। अब तक इस मामले में NEIF के मुख्य आयोजक श्यामकनु महंत, गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, और बैंड के दो सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी व अमृत प्रभा महंत को गिरफ्तार किया गया है।
इसके अलावा जुबिन गर्ग के चचेरे भाई और असम पुलिस के DSP संदीपन गर्ग को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि जुबिन गर्ग के बैंक खातों से करीब ₹1.1 करोड़ का संदिग्ध लेनदेन हुआ था, जिसके चलते उनके पीएसओ नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य को भी गिरफ्तार किया गया। अब तक सात आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत हत्या, आपराधिक साजिश और लापरवाही से मौत जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। वहीं, सिंगापुर पुलिस बल (SPF) इस मामले की स्वतंत्र जांच कर रहा है। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि प्रारंभिक जांच में किसी संदिग्ध गतिविधि के सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, असम सरकार की ताजा जांच इस पूरे मामले को एक हत्या की साजिश के रूप में देख रही है, जिससे राज्य की सियासत में भी हलचल मच गई है।
