21 साल की शेफाली वर्मा ने लिखा नया इतिहास, फाइनल में भारत की जीत की सबसे बड़ी नायिका बनीं

ICC Women’s World Cup 2025: शेफाली ने 78 गेंदों में 87 रन ठोके और स्मृति मंधाना (45 रन) के साथ 104 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। इस प्रदर्शन से भारत ने 298/7 का विशाल स्कोर खड़ा किया। शेफाली की पारी में आक्रामकता के साथ शॉट सिलेक्शन का शानदार संतुलन देखने को मिला।

21-Year-Old Shafali Verma Rewrites History, Becomes the Biggest Hero of India's Final Victory
21-Year-Old Shafali Verma Rewrites History, Becomes the Biggest Hero of India's Final Victory

ICC Women’s World Cup 2025: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया, और इस ऐतिहासिक जीत की सबसे बड़ी नायिका रहीं युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा। 21 वर्षीय शेफाली ने फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार 87 रनों की पारी खेलते हुए भारत को जीत की मजबूत नींव दी। प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल की गईं शेफाली ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपने बल्ले से कमाल दिखाया।

शेफाली ने 78 गेंदों में 87 रन ठोके और स्मृति मंधाना (45 रन) के साथ 104 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। इस प्रदर्शन से भारत ने 298/7 का विशाल स्कोर खड़ा किया। शेफाली की पारी में आक्रामकता के साथ शॉट सिलेक्शन का शानदार संतुलन देखने को मिला। उनकी पारी ने भारत को एक मज़बूत शुरुआत दी, जिससे गेंदबाजों को मैच में बढ़त बनाए रखने में आसानी हुई।

सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, शेफाली ने गेंदबाजी में भी अपना जलवा दिखाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उन पर भरोसा जताते हुए गेंद थमाई और उन्होंने उसे पूरी तरह सही साबित किया। अपने पहले ही ओवर में विकेट झटकते हुए उन्होंने 7 ओवर में केवल 36 रन देकर 2 अहम विकेट चटकाए। यह प्रदर्शन उनके ऑलराउंड कौशल को दर्शाता है।

इस शानदार प्रदर्शन के लिए शेफाली वर्मा को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया। उनके नेतृत्व में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के संयुक्त प्रदर्शन से भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर विश्व कप की ट्रॉफी पहली बार अपने नाम की।

शेफाली का यह प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। उन्होंने पूनम राउत (2017 विश्व कप फाइनल – 86 रन) और वीरेंद्र सहवाग (2003 विश्व कप फाइनल – 82 रन) दोनों को पीछे छोड़ते हुए भारतीय खिलाड़ियों में फाइनल मुकाबले में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत की यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि महिला क्रिकेट में नई ऊर्जा का प्रतीक है। शेफाली वर्मा और उनकी साथी खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी भी बड़े मंच पर पीछे नहीं है।

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