Delhi Artificial Rain: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कराया गया कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) का प्रयोग विवादों में घिर गया है। मंगलवार को आसमान में प्लेन के जरिए केमिकल का छिड़काव किया गया था, दावा किया गया था कि इससे कुछ ही घंटों में बारिश होगी, लेकिन बारिश हुई ही नहीं। इस असफलता के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है और इसे एक ‘घोटाला’ बता रहा है।
‘बारिश चोरी’ की शिकायत:
कृत्रिम बारिश के असफल होने के बाद दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और कई कार्यकर्ता विरोध जताते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन पहुंचे। ये सभी एक अनोखी शिकायत लेकर पहुंचे थे, जिसमें ‘बारिश चोरी’ हो जाने की बात कही गई थी। कांग्रेस यूथ विंग ने इस शिकायत के जरिए दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुए सवाल उठाया कि आखिर बारिश हुई क्यों नहीं और ‘गई कहां?’
#BreakingNews : दिल्ली में करोड़ों रुपये की बारिश चोरी हो गयी है।
— Indian Youth Congress (@IYC) October 29, 2025
आखिरी बार ये कृत्रिम बारिश दिल्ली सरकार के मंत्रियों के वादों और TV पर देखी गयी थी।
खबर है कि करोड़ों रुपये फूंके गए, प्लेन उड़ाए गए लेकिन बारिश होने के पहले ही भाजपा नेता वाहवाही लूट ले गए।
और फिर न मेघ बरसे, न… pic.twitter.com/ZvfNWsSFUR
आप नेता ने ही घेरा:
दिल्ली सरकार की अपनी ही पार्टी, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कृत्रिम बारिश कराने का फैसला तब लिया गया, जब मौसम विभाग पहले ही बारिश के आसार बता चुका था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इंद्रदेव की प्राकृतिक बारिश का श्रेय लेना चाहती थी। भारद्वाज ने कहा कि क्लाउड सीडिंग के दावे के बावजूद कहीं भी बारिश नहीं हुई और उन्होंने इस पूरे मामले को ‘घोटाले की साजिश’ करार दिया।
मेरे तीनों संवाददाता बता रहे है –
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 29, 2025
ऑपरेशन सफल रहा
मगर मरीज़ मर गया
Cloud seeding Successful
But No Rainfall 🙈
नया नया तीन न्यूज़ रिपोर्टर भर्ती किया है, तनख़्वाह की कोई गौराँटी नहीं
देखते रहिए #pollution #DelhiRains pic.twitter.com/SsInDfWaAF
बुधवार को प्रक्रिया रोकी गई:
इस बीच, दिल्ली में कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) की प्रक्रिया को बुधवार को रोक दिया गया। आईआईटी कानपुर ने एक बयान जारी कर बताया कि यह प्रक्रिया वायुमंडलीय परिस्थितियों पर अत्यधिक निर्भर है। संस्थान ने स्पष्ट किया कि मंगलवार को बारिश नहीं हो सकी क्योंकि नमी का स्तर लगभग 15 से 20 प्रतिशत था। हालांकि, आईआईटी कानपुर ने कहा कि इस प्रयोग से उन्हें “महत्वपूर्ण जानकारी” मिली है।
