Cyclone Montha: आंध्र तट से टकराया ‘मोंथा’ तूफान, 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चली हवाएं, ओडिशा में भारी बारिश

मोन्था तूफान का असर अब ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और राजस्थान तक फैल चुका है। तेज हवाओं और बारिश के कारण 32 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

Cyclone 'Montha' Makes Landfall on Andhra Coast with 110 Kmph Winds; Odisha Braces for Heavy Rain
Cyclone 'Montha' Makes Landfall on Andhra Coast with 110 Kmph Winds; Odisha Braces for Heavy Rain

Cyclone Montha: चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ ने मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास ज़मीन से टकराकर भारी तबाही मचाई। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। तूफान के चलते कई इलाकों में पेड़ गिर गए, बिजली ठप हो गई और भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अब तक तीन लोगों की मौत की खबर है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले तीन दिन तक केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में भी बारिश के आसार हैं।

ओडिशा में भी तूफान का असर

बुधवार सुबह यह तूफान ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर बीच पर पहुंच गया, जहां 80-100 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं चल रही हैं। समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं और कई तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

राज्य सरकार ने गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कालाहांडी और नबरंगपुर समेत आठ जिलों में 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, जबकि 30,000 और लोगों को निकालने की तैयारी है।

सरकार ने 219 राहत शिविर लगाए हैं, जहां करीब 76,000 लोग शरण लिए हुए हैं। आंध्र प्रदेश की 43,000 हेक्टेयर फसलें पानी में डूब गईं, जिससे 83,000 से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। धान और कपास की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। तेज हवाओं और लगातार बारिश से मछलीपट्टनम में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। बिजली के तार टूटने और पोल गिरने से पूरा शहर अंधेरे में डूब गया है। राहत दल अब बिजली बहाल करने में जुटे हैं।

पीएम मोदी ने सीएम से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। सीएम नायडू ने अधिकारियों को तुरंत राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में 800 से अधिक राहत केंद्र, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। करीब 1,000 बिजलीकर्मी और 140 नावों के साथ बचाव दल सक्रिय हैं।

कई जिलों में सड़कें और घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। काकीनाडा और उप्पदा के बीच सड़क का करीब 8 किलोमीटर हिस्सा टूट गया है, जबकि पोडाम्पेटा गांव में समुद्र की ऊंची लहरों से कई संपत्तियों को नुकसान हुआ है।

तूफान का असर कई राज्यों में और हवाई उड़ानों पर पड़ा

मोन्था तूफान का असर अब ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और राजस्थान तक फैल चुका है। तेज हवाओं और बारिश के कारण 32 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर तक पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।

राजस्थान के कुछ इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई है, जबकि तमिलनाडु के थूथुकुडी और आस-पास के जिलों में गरज और बिजली के साथ बारिश हो रही है।

सरकार और राहत टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि तूफान की रफ्तार अब धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन मौसम विभाग ने लोगों से अगले दो दिनों तक सतर्क रहने की अपील की है।

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