भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने बेटियों को लेकर ऐसा बयान दिया है जिसने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा कर दिया है।
दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि अगर किसी की बेटी अपनी बात नहीं मानती और किसी “विधर्मी” के साथ जाने की कोशिश करती है, तो उसकी टांगे तोड़ देने में भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को शुरू से अच्छे संस्कार सिखाने चाहिए, लेकिन अगर वे समझाने पर भी नहीं मानतीं, तो माता-पिता को सख्ती दिखानी चाहिए।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि “अगर अपनी संतान के भले के लिए कभी मारना-डांटना या सजा देना पड़े, तो पीछे नहीं हटना चाहिए। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को सही रास्ते पर रखें।” उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई बेटी जन्म लेती है, तो माता-पिता उसे लक्ष्मी और सरस्वती का रूप मानते हैं, लेकिन अगर वही बेटी बड़े होकर “विधर्मी बनने” की सोचने लगे, तो उसे रोकना जरूरी है।
प्रज्ञा ठाकुर ने लोगों से अपील करते हुए कहा, “अपनी बेटियों पर ध्यान रखो। अगर वे संस्कार नहीं मानतीं, घर से भागने की सोचती हैं, तो उन्हें रोकने के लिए हर कदम उठाओ — प्यार से, समझाकर, डांटकर या जरूरत पड़े तो सजा देकर।”
उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कई लोग इस बयान की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ऐसा बयान बेटियों के अधिकारों के खिलाफ है। वहीं, कुछ लोग इसे अनुशासन सिखाने की बात बताकर उनका समर्थन भी कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का कोई बयान विवादों में आया हो। इससे पहले भी वे कई बार अपने तीखे और विवादित बयानों के कारण चर्चा में रह चुकी हैं। लेकिन इस बार का बयान इसलिए ज्यादा चर्चा में है क्योंकि यह सीधे महिलाओं और समाज की बेटियों से जुड़ा हुआ है।
अब देखना यह होगा कि बीजेपी इस बयान पर क्या रुख अपनाती है और साध्वी प्रज्ञा अपने इस बयान पर सफाई देती हैं या नहीं। फिलहाल, सोशल मीडिया पर लोग इस बयान को लेकर गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं और बहस लगातार जारी है।
