Dhanteras 2025: धनतेरस का दिन हर साल बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं, ताकि घर में धन और सुख-समृद्धि बनी रहे। लेकिन इसी दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का भी खास महत्व होता है। भगवान धन्वंतरि को आरोग्य यानी सेहत का देवता कहा जाता है। मान्यता है कि कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस वजह से धनतेरस के दिन इनकी पूजा करने से घर के लोगों को बीमारियों से बचाव होता है और जीवन में स्वास्थ्य बना रहता है।
भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि
भगवान धन्वंतरि की पूजा बहुत सरल है। पूजा के समय एक लकड़ी की पटरी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति स्थापित करें। उनके साथ माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्तियां भी रखी जा सकती हैं। अब भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं और फूल, फल, मिठाई अर्पित करें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि को तिलक लगाएं और सच्चे मन से उनकी आराधना करें।
पूजा के दौरान “ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः” मंत्र का जाप करें। यह मंत्र कम से कम 101 बार बोलना शुभ माना जाता है। मंत्र जप के बाद भगवान की आरती करें और सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।
धनतेरस पूजा मुहूर्त 2025
धनतेरस के दिन पूजा का शुभ समय शाम 7 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस समय के दौरान पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। माना जाता है कि इस समय अगर भगवान धन्वंतरि की पूजा कर 13 दीपक जलाए जाएं तो घर में सेहत और खुशहाली बनी रहती है।
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और स्वास्थ्य का वास होता है। इस दिन अगर श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान की आराधना की जाए तो घर में रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं और हर दिन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती है।
