8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट जल्द ही लागू होने वाली है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.96 हो सकता है, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी लगभग दोगुनी हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लाभ 1 जनवरी 2026 से लागू होंगे। करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और लगभग 65 लाख पेंशनर इसके लाभार्थी होंगे। इसके साथ ही पिछला बकाया वेतन यानी अरेअर्स भी उन्हें दिया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर वह ज़रूरी अंक होता है जिसका इस्तेमाल नई बेसिक सैलरी तय करने के लिए किया जाता है। आपकी पुरानी बेसिक सैलरी को इस फिटमेंट फैक्टर से गुणा (multiply) करके नई बेसिक सैलरी निकाली जाती है।
उदाहरण के लिए:
- 6वें वेतन आयोग में न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 थी।
- 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 लगाया गया, जिससे कम से कम बेसिक सैलरी ₹18,000 हो गई।
- 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.96 होने की संभावना है।
कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी कितनी होगी?
अगर हम 1.96 का फिटमेंट फैक्टर मानकर चलें, तो, यह सिर्फ बेसिक सैलरी है। इसमें महंगाई भत्ता (DA) और शहर के हिसाब से मकान किराया भत्ता (HRA) अलग से जोड़ा जाएगा।
वर्तमान में जो कम से कम बेसिक सैलरी (Level-1 कर्मचारी के लिए) ₹18,000 है, वह बढ़कर ₹35,280 हो सकती है।
नया बेसिक सैलरी निकालने का फॉर्मूला
पुरानी बेसिक सैलरी ×1.96= 8वें वेतन आयोग में नई बेसिक सैलरी
कुल सैलरी का हिसाब
उदाहरण: मान लीजिए, एक लेवल-9 के केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी में कितना अंतर आएगा
| मद (Item) | वर्तमान सैलरी (7वें आयोग) | अनुमानित नई सैलरी (8वें आयोग) |
| बेसिक सैलरी | ₹53,100 | ₹1,04,076 |
| DA (58% पर) | ₹30,798 | ₹0 (शुरुआत में DA शून्य हो जाएगा) |
| HRA (27% पर) | ₹14,337 | ₹28,100 |
| कुल सैलरी | ₹98,235 | ₹1,32,177 |
पेंशनरों और अरेअर्स
पेंशनरों की पेंशन भी इसी फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ाई जाएगी। अरेअर्स का भुगतान 1 जनवरी 2026 से किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को काफी राहत मिलेगी। हालांकि, अंतिम वेतन संरचना और तालिका की घोषणा के बाद ही सटीक आंकड़ा पता चलेगा।
इस तरह 8वीं वेतन आयोग लागू होने से कर्मचारियों और पेंशनरों की आमदनी में वृद्धि होगी और उन्हें आर्थिक तौर पर फायदा मिलेगा।
