Pakistan Afghanistan Conflict: पाकिस्तान और तालिबान शासित अफगानिस्तान के बीच सीमा पर चल रहे हिंसक संघर्ष के बीच इस्लामाबाद से एक हैरान कर देने वाला बयान सामने आया है। एक ऐसा देश, जिसने अपने 78 साल के इतिहास में लगभग 35 साल तक सेना का सीधा शासन देखा है और जहाँ आज भी सेना पर्दे के पीछे से सरकार चलाती है, वह अब अपने पड़ोसी देश में “सच्ची प्रतिनिधि सरकार (लोकतंत्र)” चाहता है।
सीमापार गोलीबारी में अपने 23 सैनिकों (पाक का दावा) को खोने के बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक पत्र जारी किया है। इसमें उसने उम्मीद जताई है कि “एक दिन अफगान लोग आजाद होंगे और एक सच्ची प्रतिनिधि सरकार (लोकतंत्र) द्वारा शासित होंगे।”
तालिबान की आक्रामकता पर गहरी चिंता
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने रविवार को जारी अपने पत्र में अफगान तालिबान और उसके सहयोगी आतंकवादी संगठनों की आक्रामकता पर गहरी चिंता भी जताई है। पाकिस्तान ने 11-12 अक्टूबर की रात को पाक-अफगान सीमा पर हुए हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह की कार्रवाइयां “शांतिपूर्ण पड़ोस और सहयोग की भावना को झुठलाती हैं।”
बयान में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए इन हमलों को विफल कर दिया और पाकिस्तान के अंदर हमलों की योजना बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए लोगों, सामग्री और बुनियादी ढांचे के मामले में तालिबान और संबद्ध आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचाया।
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— Ministry of Foreign Affairs – Pakistan (@ForeignOfficePk) October 12, 2025
On Afghan Taliban Attacks Against Pakistan
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पाक-अफगान सीमा पर क्या चल रहा है?
पाकिस्तानी सेना ने रविवार को दावा किया कि रात भर हुई भीषण झड़पों में कम से कम 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि उन्होंने तालिबान और उससे जुड़े 200 से अधिक आतंकवादियों को भी मार गिराया है। दूसरी ओर, अफगानिस्तान का दावा है कि उसकी जवाबी कार्रवाई में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 अन्य घायल हुए हैं।
दरअसल, सीमा पार से आक्रमण के एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव तेज़ी से बढ़ गया है। यह स्थिति तब और बिगड़ी जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने कथित तौर पर अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करते हुए लगातार आतंकवादी हमले किए। पिछले हफ्ते खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले में हुए एक हमले में एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर समेत 11 सैन्यकर्मियों की जान चली गई थी। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने TTP के लीडर को निशाना बनाकर काबुल पर हमला किया, जिसके बाद तालिबान ने सीमा पर हमला कर पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है।
