नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी वायु सेना कर्मियों, पूर्व सैनिकों, नागरिकों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर वायुसेना की विशिष्ट क्षमताओं और राष्ट्र के प्रति उसके समर्पण की जमकर सराहना की।
सीडीएस जनरल चौहान ने इस बात के लिए वायुसेना की प्रशंसा की कि उसने बार-बार यह साबित किया है कि वायु शक्ति रणनीतियों को कैसे आकार दे सकती है। उन्होंने विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख किया, जिसके दौरान वायुसेना ने दुश्मन के इलाके में अंदर तक सटीकता से हमला करने की अपनी क्षमता की पुष्टि की। उन्होंने दुश्मन के विमानों, हवाई हथियारों और ड्रोनों पर प्रभावी ढंग से नज़र रखने और उन पर हमला करने के लिए भारतीय वायुसेना के सेंसर और रडार के जटिल नेटवर्क की भी सराहना की।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों द्वारा समर्थित भारतीय वायुसेना की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) और मानवरहित हवाई प्रणालियों (सीयूएएस) इकाइयों ने एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) के तहत निर्बाध रूप से काम किया और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उत्कृष्ट परिणाम दिए। सीडीएस ने स्वदेशी प्लेटफार्मों को शामिल करने, उन्नत हथियार प्रणालियों को अपनाने और संपूर्ण एयरोस्पेस क्षेत्र में संचालन के लिए सिद्धांतों के विकास के माध्यम से आधुनिकीकरण की दिशा में भारतीय वायुसेना के निरंतर प्रयासों की भी सराहना की।
General Anil Chauhan #CDS, salutes the #IAF on their 93rd #AirForceDay, expressing confidence in its ongoing transformation into a cutting-edge force that will continue to safeguard the nation's interests and symbolise its strength and resilience.
— HQ IDS (@HQ_IDS_India) October 8, 2025
We reaffirm our faith in the… pic.twitter.com/uUZlJuf7g9
युद्ध के बदलते स्वरूप और IAF की भूमिका
जनरल अनिल चौहान ने युद्ध के बदलते स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा, “युद्ध का स्वरूप एक गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और भविष्य के संघर्षों के तकनीक-आधारित, तीव्र और विविध क्षेत्रों में संघर्षपूर्ण होने की उम्मीद है। इन परिस्थितियों में आधुनिक युद्ध में वायु शक्ति ही प्रमुख कारक होगी।” सीडीएस ने युद्ध और मानवीय मिशनों, दोनों में साहस, प्रोफेशनलिज्म और राष्ट्र सेवा की विशिष्ट विरासत के लिए भारतीय वायुसेना की प्रशंसा की।
सीडीएस ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियानों के दौरान एक भरोसेमंद प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि “भारतीय वायुसेना ने संघर्ष क्षेत्रों में फंसे नागरिकों को बचाकर और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करके अपनी पहुंच और संवेदनशीलता का निरंतर प्रदर्शन किया है।” उन्होंने कहा कि दशकों से भारतीय वायुसेना वीरता के प्रतीक के रूप में खड़ी रही है, देश के आकाश की रक्षा करती रही है और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर रही है।
