नई दिल्ली/मुंबई: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार, 8 अक्टूबर को अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पहुँच गए हैं। 8 और 9 अक्टूबर की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान, भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग समेत समग्र द्विपक्षीय साझेदारी पर गहन बातचीत होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा में, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन समग्र रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं का आकलन ‘विजन 2035’ को ध्यान में रखते हुए करेंगे। यह विजन रोडमैप जुलाई में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के साथ सहमति जताए जाने के बाद तैयार किया गया था।
द्विपक्षीय वार्ता के केंद्र में मुख्य रूप से ‘समग्र आर्थिक एवं व्यापारिक समझौता’ (CETA) रहेगा। ब्रिटिश संसद का अनुमोदन मिलने के बाद यह समझौता 90 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क (टैरिफ) हटाने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ 100 से अधिक व्यापारिक नेताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक प्रमुखों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर आया है। इस प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश तेल कंपनी बीपी के सीईओ मरे ऑकिनक्लॉस भी शामिल हैं, जो भारतीय बाजार की अहमियत को दर्शाता है। यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल के प्रमुख रिचर्ड हील्ड ने कहा, “ब्रिटेन-भारत गलियारा वैश्विक स्तर पर सबसे आशाजनक आर्थिक संबंधों में से एक है।”
A warm welcome to PM @Keir_Starmer of the United Kingdom! Received by Governor of Maharashtra and Gujarat Mr. Acharya Devvrat @maha_governor at the airport.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 8, 2025
This is PM Starmer’s first visit to India. This visit marks a new chapter in our strong & dynamic India-UK partnership.… pic.twitter.com/KG0bcjlOvl
रक्षा, तकनीक और व्यापार साझेदारी पर जोर
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टार्मर की यह यात्रा रणनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं अरब सागर में संयुक्त अभ्यास ‘कोंकण’ में जुटी हुई हैं, जिससे दोनों देशों के रक्षा, तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी के अवसर भी चर्चा में आएंगे। इस यात्रा के दौरान दोनों नेता मुंबई में आयोजित ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ को संबोधित करेंगे। पिछले साल शुरू की गई भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (TSI) के तहत दूरसंचार, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग पर जोर दिया जाएगा।
ब्रिटिश एयरवेज के सीईओ सीन डॉएल ने घोषणा की है कि एयरलाइन अपने उड़ानों के नेटवर्क का विस्तार कर भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बनाएगी। ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल व्यापार लगभग 44.1 अरब पाउंड है। जुलाई में एफटीए पर हस्ताक्षर के बाद यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है, और दोनों देशों ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
