नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब 71 वर्षीय वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। यह घटना अदालत में चल रही एक सुनवाई के दौरान हुई। बताया जा रहा है कि आरोपी वकील मंच के पास पहुंचा और जूता निकालकर फेंकने का प्रयास करने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उसे रोक लिया। अदालत परिसर में हड़कंप मच गया। इस घटना को लेकर देशभर में गुस्सा और चिंता व्यक्त की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने इसे गंभीर सुरक्षा चूक मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
इस घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “यह हमला सिर्फ मुख्य न्यायाधीश पर नहीं बल्कि भारत के संविधान पर भी हमला है।” उन्होंने कहा कि “मुख्य न्यायाधीश गवई ने अत्यंत संयम दिखाया है, लेकिन अब पूरे देश को उनके साथ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।”
वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरा। पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर लिखा — “सबका नंबर आएगा, अगर चुप रहे तो कोई नहीं बचेगा। मुसलमानों, सिखों और बौद्धों के बाद अब दलितों का नंबर आ गया है।” उन्होंने आरोपी की तस्वीर शेयर करते हुए कहा — “गांधी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं।”
सबका नम्बर आयेगा , अगर चुप रहे तो कोई नहीं बचेगा
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 6, 2025
मुसलमानों , सिक्खों, बोद्ध के बाद अब दलितों का नंबर आ गया है
सौरभ भारद्वाज ने एक 6 मिनट लंबा वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “दलित समुदाय से आने वाले CJI गवई पर जूता फेंकना बेहद शर्मनाक कृत्य है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र और दलित समाज की गरिमा पर हमला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “दक्षिणपंथी ट्रोल्स उस वकील को हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं और CJI को निशाना बना रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट के दलित मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेकने वाले को पुलिस छोड़ दिया
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 6, 2025
सोशल मीडिया पर आतंकवादी गोडसे के समर्थक उत्सव मना रहे हैं
सभी जजों को खुली धमकी एक कमजोर न्यायपालिका की निशानी है
उपद्रवियों को केंद्र सरकार का संरक्षण साफ़ देखा जा सकता है pic.twitter.com/z1GKzUfbke
वीडियो के साथ भारद्वाज ने लिखा, “जूता फेंकने वाले को पुलिस ने छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के समर्थक इसे उत्सव की तरह मना रहे हैं। सभी जजों को दी जा रही खुली धमकियां यह दर्शाती हैं कि न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।”
भारद्वाज ने आगे भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “इस सनातन धर्म के अपमान पर पूरी भाजपा चुप है। क्या सवर्ण और दलित के लिए अपमान के अलग मापदंड हैं?” उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि “प्रधानमंत्री की फोटो को मां दुर्गा के साथ लगाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन किसी भाजपा नेता को इसमें अपमान नहीं दिख रहा।”
These vile right-wing trolls hurling insults at the CJI are nothing but disgusting, casteist serpents slithering in their own filth. They’re fake Hindus who pounce like rabid dogs the moment they sniff out someone’s caste.
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 6, 2025
When Delhi’s CM spewed that repulsive comment about… pic.twitter.com/b0hJ08ateL
वहीं AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा — “CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकना सिर्फ एक न्यायाधीश पर हमला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। यह देश की न्यायपालिका को डराने की कोशिश है। दलित बेटा मेहनत से सर्वोच्च पद तक पहुंचा, यह कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं। देश ऐसी राजनीति और गुंडागर्दी को कभी स्वीकार नहीं करेगा।”
CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश सिर्फ़ एक न्यायाधीश पर नहीं बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है, इस देश की न्यायपालिका पर हमला है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 6, 2025
दलित बेटा मेहनत और ईमानदारी से देश की सर्वोच्च कुर्सी तक पहुँचे- ये इन लोगों को बर्दाश्त नहीं।
इनकी हिम्मत तो देखो। इनके समर्थक खुले आम CJI को…
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को और कड़ा किया जाएगा। यह घटना न केवल न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के प्रति सभी दलों की संवेदनशीलता की भी परीक्षा ले रही है।
