प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो 2025 का उद्घाटन करते हुए इस मेले में भाग लेने वाले सभी व्यापारियों, निवेशकों, उद्यमियों और युवा प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस आयोजन में 2,200 से अधिक प्रदर्शक अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। मोदी ने उल्लेख किया कि इस बार के व्यापार शो में रूस भागीदार देश है और यह समय की कसौटी पर खरी उतरी साझेदारी को और मज़बूत बनाता है। उन्होंने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरकार के सहयोगियों और अन्य हितधारकों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शो का आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के साथ किया जा रहा है, जिन्होंने राष्ट्र को अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए अंत्योदय के पथ पर अग्रसर किया। उन्होंने कहा कि अंत्योदय का अर्थ यह सुनिश्चित करना है कि विकास सबसे गरीब व्यक्ति तक पहुंचे और सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करे। उन्होंने कहा कि भारत अब समावेशी विकास का यही मॉडल दुनिया में प्रस्तुत कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए भारत के फिनटेक क्षेत्र की वैश्विक मान्यता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता समावेशी विकास में इसका योगदान है। मोदी ने कहा कि भारत ने सभी को साथ लेकर चलने वाले यूपीआई, आधार, डिजिलॉकर और ओएनडीसी जैसे खुले मंच तैयार किए हैं और यह सभी को समान अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने “सबके लिए मंच, सबकी प्रगति” के सिद्धांत पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन मंचों का प्रभाव पूरे भारत में दिखाई दे रहा है, जहां मॉल में खरीदारी करने वाले और सड़क किनारे चाय बेचने वाले, दोनों ही यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि औपचारिक ऋण, जो कभी केवल बड़ी कंपनियों के लिए सुलभ था, अब पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों तक पहुंच रहा है।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) को एक और परिवर्तनकारी उदाहरण बताते हुए मोदी ने याद दिलाया कि एक समय था जब सरकार को सामान बेचना केवल बड़े व्यापारियों तक ही सीमित था। आज, लगभग 25 लाख विक्रेता और सेवा प्रदाता जेम पोर्टल से जुड़े हैं। इनमें छोटे व्यापारी, उद्यमी और दुकानदार शामिल हैं जो अब सीधे भारत सरकार को सामान बेच सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने अब तक जेम के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की है। इसमें से लगभग 7 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा छोटे उद्योगों से की गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के कार्यकाल में ऐसा परिदृश्य अकल्पनीय था। अब, देश के सुदूर कोने में एक छोटा दुकानदार भी जेम पोर्टल पर उत्पाद बेच रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही अंत्योदय का सार और भारत के विकास मॉडल की आधार है।
वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे भारत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक व्यवधानों और अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत की वृद्धि शानदान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि व्यवधान भारत को भटकाते नहीं हैं—वे नई दिशाएं प्रदान करते हैं। इन चुनौतियों के बीच, भारत आने वाले दशकों के लिए एक मज़बूत आधारशिला रख रहा है। मोदी ने दोहराया कि देश का संकल्प और मार्गदर्शक मंत्र आत्मनिर्भर भारत है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर निर्भरता से बड़ी कोई लाचारी नहीं है। बदलती दुनिया में, कोई देश जितना अधिक दूसरों पर निर्भर होता है, उसकी वृद्धि उतनी ही प्रभावित होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा। भारत में निर्मित किए जा सकने वाले हर उत्पाद का निर्माण भारत में ही होना चाहिए। उद्यमियों, व्यापारियों और नवप्रवर्तकों की विशाल सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वे आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रमुख हितधारक हैं। प्रधानमंत्री उनसे ऐसे व्यावसायिक मॉडल तैयार करने का आग्रह किया जो भारत की आत्मनिर्भरता को मज़बूत करें।
सरकार के मेक इन इंडिया और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के विज़न का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने चिप से लेकर जहाज़ों तक, सब कुछ देश में ही बनाने की अपनी अवधारणा पर बल दिया। इसके समर्थन में, सरकार कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। मोदी ने बताया कि 40,000 से ज़्यादा अनुपालन नियमों को समाप्त कर दिया गया है और सैकड़ों नियमों को, जो पहले छोटी-मोटी व्यावसायिक गलतियों के कारण कानूनी मामलों का कारण बनते थे, अब अपराधमुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हालांकि, उन्होंने कुछ प्रमुख अपेक्षाएं भी साझा कीं और आग्रह किया कि सभी निर्मित उत्पाद उच्चतम गुणवत्ता के होने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिक स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की अपेक्षा कर रहे हैं और उन्होंने इस बात पर बल दिया कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब हर भारतीय स्वदेशी से जुड़ रहा है और स्थानीय उत्पाद खरीदना चाहता है। पूरे देश में गर्व से “यह स्वदेशी है” कहने की भावना महसूस की जा रही है। उन्होंने व्यापारियों से इस मंत्र को अपनाने और भारत में बने उत्पादों को प्र
प्रधानमंत्री ने अनुसंधान के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में निवेश कई गुना बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस विस्तार को बढ़ावा देने के लिए पहले ही ज़रूरी कदम उठा चुकी है। मोदी ने कहा कि अनुसंधान में निजी निवेश अब ज़रूरी है और इसे सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने इसे समय की मांग बताया और स्वदेशी अनुसंधान, डिज़ाइन और विकास के लिए एक व्यापक इकोसिस्टम बनाने का आह्वान किया।
उत्तर प्रदेश में असाधारण निवेश संभावनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में संपर्क क्रांति ने रसद लागत को काफी कम कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अब देश में सबसे ज़्यादा एक्सप्रेसवे हैं और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या के मामले में भी यह अग्रणी है। यह दो प्रमुख समर्पित माल ढुलाई गलियारों का केंद्र है। मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश हेरिटेज पर्यटन में नंबर एक स्थान पर है और नमामि गंगे जैसी पहलों ने राज्य को क्रूज पर्यटन के मानचित्र पर ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि एक ज़िला एक उत्पाद योजना ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुंचाने में सक्षम बनाया है। विनिर्माण क्षेत्र में विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल उत्पादन में उत्तर प्रदेश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल उत्पादक बन गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका है। देश में निर्मित सभी मोबाइल फ़ोनों का लगभग 55 प्रतिशत उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत क
मोदी ने रक्षा क्षेत्र का एक अन्य प्रमुख उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के सशस्त्र बल स्वदेशी समाधान चाहते हैं और उनका लक्ष्य बाहरी निर्भरता को कम करना है। प्रधानमंत्री ने इस परिवर्तन में उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत में हम एक जीवंत रक्षा क्षेत्र विकसित कर रहे हैं, एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं जहां हर उत्पाद पर ‘मेड इन इंडिया’ की छाप हो। उन्होंने कहा कि रूस के सहयोग से स्थापित एक कारखाने में जल्द ही एके-203 राइफलों का निर्माण शुरू होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक रक्षा गलियारा विकसित किया जा रहा है, जहां ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य हथियार प्रणालियों का निर्माण शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों से उत्तर प्रदेश में निवेश और निर्माण करने का आग्रह किया, जहां लाखों एमएसएमई का एक मजबूत और विस्तारित नेटवर्क है। उन्होंने राज्य के भीतर संपूर्ण उत्पादों का उत्पादन करने के लिए अपनी क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार दोनों पूर्ण समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार हैं।
भारत के अपने उद्योगों, व्यापारियों और नागरिकों के साथ सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर मजबूती से खड़े होने की पुष्टि करते हुए मोदी ने कहा कि महज तीन दिन पहले, अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू किए गए थे। प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘संरचनात्मक परिवर्तन’ बताते हुए कहा कि यह भारत की विकास गाथा को गति देंगे। ये सुधार जीएसटी पंजीकरण को सरल बनाएंगे, कर विवादों को कम करेंगे और एमएसएमई के लिए रिफंड में तेजी लाएंगे, जिससे हर क्षेत्र को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हितधारकों ने तीन अलग-अलग चरणों का अनुभव किया है- जीएसटी से पहले, जीएसटी के बाद और अब अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार। उन्होंने इनसे आए महत्वपूर्ण बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने उदाहरणों के साथ इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से पहले, करों की अधिकता के कारण व्यावसायिक लागत और घरेलू बजट दोनों का प्रबंधन मुश्किल हो जाता था। वर्ष 2014 से पहले 1,000 रुपये की कीमत वाली शर्ट पर लगभग 170 रुपये कर लगता था। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद, यह घटकर 50 रुपये रह गया। 22 सितंबर से संशोधित दरें लागू होने के बाद, अब 1,000 रुपये की शर्ट पर केवल 3
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधारों के ठोस लाभों को एक उदाहरण के साथ विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल और शेविंग क्रीम जैसी ज़रूरी चीज़ों पर 100 रुपये खर्च करने पर 31 रुपये कर लगता था, जिससे बिल 131 रुपये का हो जाता था। 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद, उन्हीं 100 रुपये की चीज़ों की कीमत 118 रुपये हो गई, जिससे 13 रुपये की सीधी बचत हुई। नई पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के साथ यह लागत और घटकर 105 रुपये हो गई है—जिससे वर्ष 2014 से पहले की दरों की तुलना में कुल 26 रुपये की बचत हुई है। मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि यह आम परिवारों के लिए महत्वपूर्ण मासिक बचत को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में ज़रूरत की चीज़ों पर वार्षिक 1 लाख रुपये खर्च करने वाला परिवार 20,000 रुपये-25,000 रुपये टैक्स चुकाता था। आज, नई जीएसटी व्यवस्था के तहत, वही परिवार वार्षिक केवल 5,000 रुपये-6,000 रुपये कर का भुगतान करता है, क्योंकि अधिकांश आवश्यक वस्तुओं पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है।
प्रधानमंत्री ने भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में ट्रैक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि वर्ष 2014 से पहले, ट्रैक्टर खरीदने पर 70,000 रुपये से ज़्यादा का कर लगता था। आज उसी ट्रैक्टर पर केवल 30,000 रुपये का कर लगता है, जिससे किसानों को 40,000 रुपये से ज़्यादा की सीधी बचत हो रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि गरीबों के लिए रोज़गार का एक बड़ा ज़रिया, तिपहिया वाहन, जिस पर पहले 55,000 रुपये का कर लगता था, अब घटकर 35,000 रुपये रह गया है, जिससे 20,000 रुपये की बचत हो रही है। इसी तरह, जीएसटी की कम दरों के कारण, 2014 की तुलना में अब स्कूटर 8,000 रुपये और मोटरसाइकिल 9,000 रुपये सस्ते हैं। मोदी ने कहा कि इस बचत से गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग, सभी को लाभ होता है। इसके बावजूद, उन्होंने आगाह किया कि कुछ राजनीतिक दल जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर अपनी शासन संबंधी विफलताओं को छिपाने के लिए झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में अत्यधिक करों ने आम नागरिकों पर बोझ डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने करों में उल्लेखनीय कमी की है, मुद्रास्फीति
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में सुधारों के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति है, जो लोकतांत्रिक और राजनीतिक स्थिरता के साथ-साथ नीतिगत पूर्वानुमान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक विशाल, कुशल कार्यबल और एक गतिशील युवा उपभोक्ता आधार है- एक ऐसा बेजोड़ संयोजन जो दुनिया के किसी भी अन्य क्षेत्र में देखने को नहीं मिलता। मोदी ने कहा कि अपनी वृद्धि को बढ़ाने के इच्छुक किसी भी निवेशक या कंपनी के लिए, भारत में निवेश करना सबसे आकर्षक अवसर प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि भारत में और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में निवेश करना दोनों पक्षों के लिए लाभाकारी है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से एक विकसित भारत और एक विकसित उत्तर प्रदेश का निर्माण संभव होगा। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
PM Narendra Modi inaugurates #UPITS2025 at India Expo Centre & Mart in Greater Noida!
— Uttar Pradesh International Trade Show (@UPIntrTradeShow) September 25, 2025
Showcasing the #Culture, #Craft, #Cuisine of #UttarPradesh with 2,400+ exhibitors. Biggest convergence of global buyers, and #IndustryLeaders under one roof. Explore Make in India, new markets,… pic.twitter.com/AThxC4NXoB
पृष्ठभूमि
मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो-2025 (यूपीआईटीएस-2025) का उद्घाटन किया।
यह व्यापार मेला, “मूल स्रोत यहीं से शुरू होता है” विषय पर 25 से 29 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसके तीन मुख्य उद्देश्य नवाचार, एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीयकरण होंगे। एक त्रि-आयामी क्रेता रणनीति अंतर्राष्ट्रीय क्रेताओं, घरेलू व्यवसाय-से-व्यवसाय (बी2बी) क्रेताओं और घरेलू व्यवसाय-से-उपभोक्ता (बी2सी) क्रेताओं को लक्षित करेगी, जिससे निर्यातकों, छोटे व्यवसायों और उपभोक्ताओं, सभी को समान अवसर प्राप्त होंगे।
यूपीआईटीएस-2025 राज्य की विविध शिल्प परंपराओं, आधुनिक उद्योगों, सशक्त एमएसएमई और उभरते उद्यमियों को एक ही मंच पर प्रदर्शित करेगा। इसमें हस्तशिल्प, वस्त्र, चमड़ा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, आयुष आदि प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व होगा। इसमें उत्तर प्रदेश की समृद्ध कला, संस्कृति और व्यंजनों को भी एक ही मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा।
रूस एक भागीदार देश के रूप में भाग लेगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार, प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान और दीर्घकालिक सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे और रणनीतिक महत्व बढ़ेगा। इस व्यापार मेले में 2,400 से अधिक प्रदर्शक, 1,25,000 बी2बी आगंतुक और 4,50,000 बी2सी आगंतुक भाग लेंगे।
Speaking at the Uttar Pradesh International Trade Show in Greater Noida, which showcases the state's rich heritage, robust MSMEs and fast-emerging industries. https://t.co/Ak5W0CWy5E
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2025
