H-1B वीज़ा और टैरिफ़ तनाव के बीच जयशंकर ने की मार्को रुबियो से मुलाक़ात

सीनेटर मार्को रुबियो ने इस मुलाक़ात के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को “क्रिटिकल इंपॉर्टेंस” (अहम) बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए भारत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और दोनों देश रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, दवाइयों और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे।

Jaishankar's Meeting with US Senator Marco Rubio Aims to Ease Tensions Over H-1B Visas and Tariffs
Jaishankar's Meeting with US Senator Marco Rubio Aims to Ease Tensions Over H-1B Visas and Tariffs

न्यूयॉर्क: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर मुलाक़ात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ और नए H-1B वीज़ा शुल्क को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है।

इस मुलाक़ात को दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “न्यूयॉर्क में मार्को रुबियो से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे शामिल रहे।” उन्होंने आगे कहा कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर सहमति बनी है।

रुबियो ने भारत-अमेरिका संबंधों को बताया ‘अहम’

सीनेटर मार्को रुबियो ने इस मुलाक़ात के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को “क्रिटिकल इंपॉर्टेंस” (अहम) बताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए भारत एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और दोनों देश रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, दवाइयों और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे। उन्होंने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और क्वाड साझेदारी में मिलकर काम करने पर भी जोर दिया।

ट्रंप के फैसलों से बढ़ा था तनाव

पिछले कुछ हफ्तों में, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे भारत के हितों को सीधा नुकसान पहुंचा है। इन फैसलों में 7 अगस्त से 25% टैरिफ, 27 अगस्त से रूसी तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25% टैरिफ, चाबहार पोर्ट पर प्रतिबंध और सबसे महत्वपूर्ण, नए H-1B वीज़ा पर $100,000 का भारी शुल्क शामिल है। इन फैसलों से भारतीय आईटी क्षेत्र में भारी चिंता बढ़ गई थी, क्योंकि भारत H-1B वीज़ा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है।

इस उच्च-स्तरीय मुलाक़ात के बाद उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच कुछ प्रमुख मुद्दों पर समाधान का रास्ता निकल सकता है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूती मिलेगी।

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