नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों की विशिष्ट और भविष्य की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए, पहली त्रि-सेवा अकादमिक प्रौद्योगिकी संगोष्ठी (T-SATS) नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में शुरू हुई। इस संगोष्ठी का उद्देश्य सेना और अकादमिक जगत के बीच अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। संगोष्ठी का उद्घाटन चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), जनरल अनिल चौहान ने किया।
सेना और शिक्षाविदों का सहयोग
इस दो-दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के 62 से अधिक शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें आईआईएससी, आईआईटी, आईआईआईटी और कई निजी प्रौद्योगिकी संस्थान शामिल थे। सीडीएस ने अपने संबोधन में आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति पर जोर दिया और कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी तकनीकी समाधानों को विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स और उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।
General Anil Chauhan #CDS addressed Tri Service Academia Technology Symposium #TSATS, setting the tone with perspectives on operational realities, technological imperatives & the role of academia’s R&D ecosystem in driving indigenous solutions. #CDS,highlighted that warfare is… pic.twitter.com/xeGbxLDNsa
— HQ IDS (@HQ_IDS_India) September 22, 2025
प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और बैठकें
संगोष्ठी में एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें 43 चुनिंदा तकनीकी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया। इन नवाचारों का मूल्यांकन तीनों सेनाओं के विशेषज्ञों ने उनके संभावित सैन्य उपयोगों के लिए किया। promising परियोजनाओं को भविष्य में अनुसंधान और विकास सहयोग के लिए चुना जाएगा।
इस दौरान, शैक्षणिक नवप्रवर्तकों और सेना के प्रतिनिधियों के बीच 95 आमने-सामने की बैठकें भी हुईं। इन सत्रों ने शिक्षाविदों को अपने अनुसंधान प्रस्तावों को प्रस्तुत करने और उन्हें सैन्य जरूरतों के अनुरूप ढालने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर दिया।
Tri Service Academia Tech Symposium T-SATS steered by #HQIDS, unites all top academic & R&D Institutes #IITs #IISc Tier I & Tier II in a historic endeavour to forge deeper Academia – Military synergy.
— HQ IDS (@HQ_IDS_India) September 22, 2025
Through One-on-One Meetings of Tech Clusters with faculty and exhibitors,… pic.twitter.com/XaGkV8DHSe
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
इस संगोष्ठी में कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनमें अजीनक्या डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय, गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास, मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, एमएस रमैया अनुप्रयुक्त विज्ञान विश्वविद्यालय, निरमा विश्वविद्यालय, ओरिएंटल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम शामिल हैं।
यह संगोष्ठी ‘विवेक और अनुसंधान से विजय’ के सिद्धांत पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को देश के विशाल बौद्धिक और तकनीकी संसाधनों से जोड़कर भविष्य के लिए तैयार समाधानों का सह-निर्माण करना है।
