वाशिंगटन डीसी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति में बड़ा बदलाव करते हुए बगराम एयरबेस को फिर से कब्जे में लेने की इच्छा जताई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके असली मालिक यानी अमेरिका को वापस नहीं करता, तो यह बहुत बुरा होगा।” उन्होंने पुष्टि की है कि इस मुद्दे पर अफगानिस्तान के साथ बातचीत चल रही है।
बगराम एयरबेस 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा और रणनीतिक अड्डा रहा था। 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने इस पर कब्जा कर लिया था। ट्रंप पहले भी जो बाइडेन की आलोचना कर चुके हैं कि उन्होंने सेना की वापसी के दौरान इतनी अहम जगह छोड़ दी। काबुल से 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित यह बेस 20 साल तक अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का केंद्र रहा।
तालिबान शासन ने ट्रंप के इस बयान की तीखी निंदा की है। अफगानिस्तान के सरकारी मीडिया के हवाले से एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “अफगान अपने देश में विदेशी सैन्य उपस्थिति को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।” साथ ही उन्होंने अमेरिका को आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित संबंधों की ओर ध्यान देने की सलाह दी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रंप की बगराम एयरबेस में दिलचस्पी केवल अफगानिस्तान तक सीमित नहीं है। चीन के परमाणु ठिकानों के नजदीक होने के कारण यह बेस अमेरिका के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यही वजह है कि ट्रंप का यह बयान वैश्विक स्तर पर चर्चा और विवाद का कारण बन गया है।
