जम्मू दौरे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए की कई बड़ी घोषणाएं

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ काम ऐसे हैं जो राज्य सरकार को करना है। हम आपदा में कोई राजनीति नहीं करेंगे। पहला काम है, गरीबों को संकट से बाहर करना। रेत के मामले में राज्य के स्तर पर फैसला कर लेना चाहिए कि जिसका खेत, उसकी रेत।

Shivraj Singh Chouhan Visits Jammu; Announces Major Relief Package for Flood-Hit Farmers
Shivraj Singh Chouhan Visits Jammu; Announces Major Relief Package for Flood-Hit Farmers

जम्मू: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जम्मू के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने ग्राम बडयाल ब्राह्मण, आरएसपुरा, जम्मू में बाढ़ प्रभावित किसान भाई-बहनों के साथ संवाद करते हुए कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आपदा से किसानों को बाहर निकालेगी।

कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि गृह मंत्रालय, जल शक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, कृषि मंत्रालय सहित सभी विभागों की टीमें यहां आई हैं। सभी टीमों ने सर्वे किया है और टीमें अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। नुकसान का आंकलन चल रहा है। राज्य सरकार का ज्ञापन आएगा, इसके बाद हम राहत देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुछ काम ऐसे हैं जो राज्य सरकार को करना है। हम आपदा में कोई राजनीति नहीं करेंगे। पहला काम है, गरीबों को संकट से बाहर करना। रेत के मामले में राज्य के स्तर पर फैसला कर लेना चाहिए कि जिसका खेत, उसकी रेत। रेत बची है, तो वही किसानों को दे दी जाए, खनन के नियम लागू न हों। किसान अपने-अपने खेतों की रेत बेचें, यह व्यवस्था होनी चाहिए।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत जो प्रावधान हैं, उनको हम लागू करेंगे। राज्य सरकार को केंद्र सरकार राशि देती है, जिसमें 75% हिस्सा केंद्र और 25% राज्य सरकार का होता है। आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार के पास लगभग 2,499 करोड़ रुपये हैं। उसका उपयोग सरकार करेगी। इसके अलावा जो ज़रूरत होगी, केंद्र सरकार हरसंभव मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भगवान न करे कि ऐसा हो लेकिन अगर किसी की जान चली जाती है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 4 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। दिव्यांग होने पर भी सहायता राशि दी जाती है।

चौहान ने कहा कि गाद निकालना हो तो 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। पहाड़ खिसकने से नुकसान होने पर सीमांत किसानों को 47 हजार रुपये देने का प्रावधान है। मिर्च और धान जैसी फसल का नुकसान हुआ है, बीमित किसानों के नुकसान की पूरी भरपाई करने की कोशिश करेंगे। राहत की राशि के अलावा हम फसल बीमा योजना की राशि देंगे। सब्जी और बागवानी फसल के लिए सिंचित क्षेत्र में 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है, कृषि वानिकी के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। ये राशि राज्य सरकार के द्वारा टी जायेगी। दुधारू पशु के नुकसान पर 37500 रुपये, घोड़ा और बैल के नुकसान पर 32 हजार रुपये, बछड़ा, टट्टू और खच्चर के नुकसान के लिए 20 हजार रुपये के मुआवज़े का प्रावधान है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नहर क्षतिग्रस्त हैं, तो भी बांध के लिए भी राज्य सरकार केंद्र सरकार से बात करे। कई जगह मकान टूट गए हैं। शिवराज सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि 1 लाख 30 हजार रुपये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के लिए दिए जाएंगे। शौचालय के अलग और मनरेगा की मजदूरी के लिए 40 हजार रुपये ग्रामीण विकास विभाग देगा।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 5,101 मकान की जानकारी आई है, मैं यहाँ से जाते ही इसकी स्वीकृति दे दूंगा। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों का काम यहां बहुत अच्छा है। यहां बहनों को नुकसान हुआ होगा। हम उसके लिए 76 करोड़ रुपये की राशि जारी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सड़कों के लिए राज्य सरकार से ज्ञापन मिलने के बाद उस संबंध में भी हम व्यवस्था करेंगे। मनरेगा की मजदूरी 100 दिन की होती है, हम राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे कि 150 दिन की मजदूरी दी जाए। चौहान ने कहा कि सीमा पर रहने वाले कई किसान खेती तो कर रहे हैं, लेकिन उनका स्वामित्व नहीं है। अगर राज्य सरकार प्रमाणित कर दें, तो उन किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पात्र बना दिया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि की एक किश्त हम तुरंत जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में डालेंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने खेतों में जाकर खराब फसलों का निरीक्षण किया। किसानों की समस्या सुनी और हरसंभव मदद का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि संकट बड़ा है और जब फसलें बर्बाद होती हैं तो केवल फसलें बर्बाद नहीं होती हैं। किसान की जिंदगी बर्बाद होती है, उनके बच्चों का भविष्य तबाह होता है लेकिन किसान दु:खी न हों, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि आज यहां मैं अकेला नहीं आया हूं बल्कि मेरा पूरा विभाग आया है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां की स्थिति पर चिंतित हैं। आज स्वयं मैंने देखा है कि जहां कभी फसलें लहलहा रही थीं वहां रेत के टीले जम चुके हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि खेतों में चार से पांच फीट रेत के ढेर लग चुके हैं। रेत के अंदर फसलें दबकर बर्बाद हो गई हैं।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि फसल एक बार खराब हो गई तो कई सालों तक किसान उससे उबर नहीं पाते हैं। आज उस दर्द को मैंने खेतों में जाकर देखा है। बाढ़ में पशु बह गए हैं। नुकसान बड़ा है और आपदा गहरी है और लोगों के दर्द भी गहरे हैं। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम इस स्थिति से जरूर उबरेंगे और किसानों के खेतों में फिर से समृद्धि और खुशहाली आएगी।

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