जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए एक जघन्य आतंकवादी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस क्रूर हमले में अब तक 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
इस आतंकी कृत्य की भयावहता, आतंकवादियों की अमानवीयता और सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सूचनाएं सामने आई हैं। इस दर्दनाक घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में ही रोककर स्वदेश लौट आए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गई हैं।
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 26 तक पहुंच गया है। मृतकों में महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पर्यटक शामिल हैं। अब तक 16 मृतकों के नामों की आधिकारिक पुष्टि की जा चुकी है। इसके साथ ही, दो विदेशी पर्यटकों की भी इस हमले में जान गंवाने की दुखद खबर है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों ने पहले पर्यटकों से उनके नाम पूछे, उन्हें इस्लामिक प्रार्थना (कलमा) पढ़ने के लिए मजबूर किया और फिर उन पर गोलियां बरसाईं। कुछ पुरुषों को अपनी पतलून उतारने के लिए बाध्य किया गया और उनके निजी अंगों की जांच के बाद उन्हें बेरहमी से मार डाला गया। यह अमानवीय कृत्य रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
इस हृदयविदारक घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सऊदी अरब का आधिकारिक दौरा बीच में ही छोड़कर देर रात जेद्दा से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कैबिनेट कमेटी की एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तत्काल श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने राजभवन में एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी उपस्थित थे। संभावना है कि अमित शाह आज पहलगाम का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे।
हमले के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें गोलियों की स्पष्ट आवाजें सुनाई दे रही हैं। सूत्रों का कहना है कि हमलावर पुलिस की वर्दी में थे। इस हमले में शामिल चार आतंकवादियों में से तीन विदेशी बताए जा रहे हैं, जबकि एक स्थानीय था।
प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक नए संगठन, ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम देने से पहले इलाके की पूरी रेकी की थी।
खबर है कि इस हमले में हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और लश्कर का डिप्टी चीफ, सैफुल्लाह खालिद उर्फ सैफुल्लाह कसूरी भी शामिल था। यह भी बताया जा रहा है कि उसके आईएसआई के अधिकारियों के साथ गहरे संबंध हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल के पास से बिना नंबर प्लेट वाली एक काली मोटरसाइकिल बरामद की है। आशंका है कि तीन से अधिक आतंकवादी इसी मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे।
सेना की आरआर बटालियन के जवानों को इलाके में तलाशी अभियान चलाने के लिए तैनात किया गया है। पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भी मौके पर मौजूद हैं। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, इटली, संयुक्त अरब अमीरात, इजरायल, ईरान, जापान, जर्मनी सहित दुनिया के कई देशों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के प्रति अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया है।
पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला एक बार फिर यह दुखद सच्चाई सामने लाता है कि कश्मीर घाटी में शांति भंग करने की साजिशें अभी भी जारी हैं। हालांकि, सरकार और सुरक्षा बल इस हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं। आने वाले दिनों में कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सकता है।
