पूसा, नई दिल्ली में ‘रबी अभियान 2025’ सम्मेलन का शुभारंभ, विषय रहा – ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पहले दिन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत और सरकार की किसान हितैषी नीतियों से देश में कृषि की ग्रोथ 3.7 प्रतिशत है, जो कि दुनिया में सर्वाधिक है।

Pusa, New Delhi Hosts 'Rabi Campaign 2025' Conference, Focused on 'One Nation-One Agriculture-One Team'
Pusa, New Delhi Hosts 'Rabi Campaign 2025' Conference, Focused on 'One Nation-One Agriculture-One Team'

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा रबी अभियान 2025 के लिए आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का शुभारंभ आज पूसा, नई दिल्ली में हुआ। सम्मेलन का विषय ‘एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम’ है, जो कृषि क्षेत्र में समन्वित प्रयासों और साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर पहली बार रबी कॉन्फ्रेंस का आयोजन दो दिन का किया गया है। सम्मेलन में शिवराज सिंह ने कहा कि हम देश में खाद्यान्न, फल-सब्जियों की कमी नहीं रहने देंगे और भारत को विश्व की फूड बॉस्केट बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने देशभर के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए उन्हें मार्गदर्शन दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पहले दिन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत और सरकार की किसान हितैषी नीतियों से देश में कृषि की ग्रोथ 3.7 प्रतिशत है, जो कि दुनिया में सर्वाधिक है। शिवराज सिंह ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार एक है; अपने देश, अपनी जनता, अपने किसानों के हित हमारे लिए सर्वोपरि है, जिसके लिए हम मिलकर पूरी ताकत से काम करते रहेंगे। हमें यह सौभाग्य मिला है कि हम भारत के कृषि परिदृश्य को बदलें। शिवराज सिंह ने कहा कि हम लोग साधारण लोग नहीं है, हम लोग देश की आधी आबादी के भाग्य बनाने वाले हैं। हमें बहुत अच्छे से काम करना होगा। हमें किसान और उसके उत्थान से मतलब है।

शिवराज सिंह ने नकली खाद-बीज और कीटनाशक के मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही , वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सारे मानदंडों और कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरने वाले बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) ही बिक सकेंगे। हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि प्रसार का कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है, केंद्र सरकार के साथ मिलकर सारे राज्य के कृषि विभाग और कृषि से जुड़े सभी विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र तथा अन्य सभी संगठन ठोस कार्यक्रम और रणनीति बनाकर जमीनी स्तर पर तेजी से काम करें। अपने कार्यों में वैल्यू एडिशन करें, हमें किसान और खेती से मतलब है, जिसके लिए हम जी-जान से काम करेंगे। इसी भाव से रबी कॉन्फ्रेंस में विचार कर किसानों की स्थिति बेहतर करने के लिए जुटेंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पहले दिन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे किसानों और वैज्ञानिकों की मेहनत और सरकार की किसान हितैषी नीतियों से देश में कृषि की ग्रोथ 3.7 प्रतिशत है, जो कि दुनिया में सर्वाधिक है। शिवराज सिंह ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार एक है; अपने देश, अपनी जनता, अपने किसानों के हित हमारे लिए सर्वोपरि है, जिसके लिए हम मिलकर पूरी ताकत से काम करते रहेंगे। हमें यह सौभाग्य मिला है कि हम भारत के कृषि परिदृश्य को बदलें। शिवराज सिंह ने कहा कि हम लोग साधारण लोग नहीं है, हम लोग देश की आधी आबादी के भाग्य बनाने वाले हैं। हमें बहुत अच्छे से काम करना होगा। हमें किसान और उसके उत्थान से मतलब है।

शिवराज सिंह ने नकली खाद-बीज और कीटनाशक के मामले में कड़ी कार्रवाई की बात कही , वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि अब सारे मानदंडों और कसौटी पर पूरी तरह से खरे उतरने वाले बायोस्टिमुलेंट (जैव उत्तेजक) ही बिक सकेंगे। हम किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि प्रसार का कार्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है, केंद्र सरकार के साथ मिलकर सारे राज्य के कृषि विभाग और कृषि से जुड़े सभी विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र तथा अन्य सभी संगठन ठोस कार्यक्रम और रणनीति बनाकर जमीनी स्तर पर तेजी से काम करें। अपने कार्यों में वैल्यू एडिशन करें, हमें किसान और खेती से मतलब है, जिसके लिए हम जी-जान से काम करेंगे। इसी भाव से रबी कॉन्फ्रेंस में विचार कर किसानों की स्थिति बेहतर करने के लिए जुटेंगे।

शिवराज सिंह ने कहा कि अब मौसम का कोई ठिकाना नहीं है, इसलिए फसल बीमा ज्यादा से ज्यादा किसान करवाएं, इसके लिए अधिकारी प्रयास करें। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को ठीक से लागू करना होगा, ताकि किसानों को राहत मिले। शिवराज सिंह ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान फिर से अक्टूबर से राज्यों और केंद्र के साथ चलेगा। अब एग्री रिसर्च किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए होगा, सिर्फ पेपर पब्लिश करने के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जल्दी राहत के लिए पूरा अमला तेजी से काम करें।

सम्मेलन में केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, किसान प्रतिनिधि और अन्य हितधारक भाग ले रहे हैं। यह मंच नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों और राज्यों के प्रतिनिधियों को रबी 2025 की तैयारियों, उत्पादन लक्ष्यों और रणनीतियों पर समग्र रूप से विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान कर रहा हैं।

प्रारंभ में केंद्रीय कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, ICAR के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट ने भी विचार रखें। उद्घाटन सत्र में राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना विशेष रूप से उपस्थित थे।

अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि सम्मेलन के अंतर्गत 6 समानांतर ब्रेकआउट सेशन आयोजित किए जा रहे हैं।

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