राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए, बालिकाओं की शिक्षा को बताया सर्वोच्च प्राथमिकता

राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नैतिक आचरण करने वाले, संवेदनशील, जिम्मेदार और समर्पित विद्यार्थी उन विद्यार्थियों से बेहतर होते हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी-ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं।

President Droupadi Murmu Presents National Teacher Awards on Teachers' Day
President Droupadi Murmu Presents National Teacher Awards on Teachers' Day

नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 5 सितंबर, 2025 शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों के महत्व और शिक्षा की भूमिका पर महत्वपूर्ण विचार रखे।

सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भोजन, वस्त्र और आवास की तरह ही, शिक्षा भी व्यक्ति की गरिमा और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि संवेदनशील शिक्षक बच्चों में गरिमा और सुरक्षा की भावना जगाने का काम करते हैं। उन्होंने अपने शिक्षिका जीवन को याद करते हुए उसे अपने जीवन का एक अत्यंत सार्थक काल-खंड बताया।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है और कमजोर से कमजोर पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा के बल पर प्रगति के आसमान को छू सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की उड़ान को शक्ति देने में स्नेही एवं निष्ठावान शिक्षक सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यही बताया कि उनके विद्यार्थी उन्हें आजीवन याद रखें और परिवार, समाज तथा देश के लिए सराहनीय योगदान दें।

राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण एक शिक्षक का प्राथमिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नैतिक आचरण करने वाले, संवेदनशील, जिम्मेदार और समर्पित विद्यार्थी उन विद्यार्थियों से बेहतर होते हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी-ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छे शिक्षक में भावना और बुद्धि दोनों ही पक्ष प्रबल होते हैं, और इनके समन्वय का प्रभाव विद्यार्थियों पर भी पड़ता है।

राष्ट्रपति ने स्मार्ट ब्लैकबोर्ड और स्मार्ट क्लासरूम जैसी आधुनिक सुविधाओं के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण होते हैं स्मार्ट शिक्षक। उन्होंने परिभाषित किया कि स्मार्ट शिक्षक वे होते हैं जो अपने विद्यार्थियों के विकास से जुड़ी जरूरतों को समझते हैं और स्नेह तथा संवेदनशीलता के साथ अध्ययन की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाते हैं। ऐसे शिक्षक ही विद्यार्थियों को समाज और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

राष्ट्रपति ने बालिकाओं की शिक्षा को सर्वाधिक महत्व दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा में निवेश करके, हम अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य निवेश करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बालिकाओं को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करना महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्रोत्साहित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए बताया कि यह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्गों की बालिकाओं को विशेष शिक्षा-सुविधाएं प्रदान करने पर बल देती है। उन्होंने शिक्षकों से विशेष रूप से बालिकाओं और उन विद्यार्थियों पर ध्यान देने का आग्रह किया जो अपेक्षाकृत संकोची या कम सुविधा संपन्न पृष्ठभूमि से आते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति बनाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके लिए यह अनिवार्य है कि हमारे शिक्षकों की पहचान विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे शिक्षक अपने निर्णायक योगदान से भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करेंगे।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2025 Breaking News Wale - Latest Hindi News by Breaking News Wale